इन वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसी खोज की जिससे पूरी दुनिया को बहुत अधिक मिली मदद
कोरोनावायरस महामारी को रोकने के लिए वैक्सीन विकसित करने वाले दो वैज्ञानिकों को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है। वैज्ञानिक काटोलिक करिको और ध्रुव विडमैन को संयुक्त रूप से चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। दोनों वैज्ञानिकों ने दुनिया की सोच अपनी वैक्सीन के निर्माण से बदल दी। उनकी खोज के बाद पूरे विश्व के वैज्ञानिक शरीर में होने वाले इम्यून सिस्टम के एक्शन और रिएक्शन को बेहतर ढंग से समझ सके थे। नोबेल समिति के सचिव थॉमस पर्लमैन ने कोरोलिंस्का संस्थान में विजेता की घोषणा की।
गौरतलब है कि पूरी दुनिया जब कोरोनावायरस संक्रमण की महामारी से जूझ रही थी, इस दौरान इन्हें वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसी खोज की जिससे पूरी दुनिया को बहुत अधिक सहायता मिली। कोविड-19 के फैलने पर लोग परेशान थी क्योंकि इसका कोई उपचार मौजूद नहीं था। पूरे विश्व के वैज्ञानिक इस खतरनाक रोग से बचने के लिए दवाई खोजने में जुटे हुए थे। कोविड-19 के कारण पूरे विश्व के सभी राष्ट्र धीरे-धीरे तबाह हो रहे थे। इस खतरनाक रोग नहीं करूं लोगों की जान ले ली। ऐसे में वैज्ञानिकों के ऊपर दबाव बहुत अधिक था कि वह जल्द से जल्द यानी कम समय में ऐसी वैक्सीन को निर्मित करें जिससे कोविड महामारी को रोका जा सके।
बता दें कि दोनों वैज्ञानिकों को न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोज के लिए यह नोबेल पुरस्कार मिला है जिससे कोरोनावायरस के विरुद्ध कारगर एमआरएनए टीको विकसित किया गया था। नोबेल समिति के सचिव थॉमस पर्लमैन ने कोरोलिंस्का संस्थान में विजेता की घोषणा की। बता दें कि नोबेल पुरस्कारों की घोषणा चिकित्सा के साथ हो गई है। अब मंगलवार को भौतिक, बुधवार को रसायन विज्ञान और गुरुवार को साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा की जाएगी। वहीं शुक्रवार को शांति पुरस्कार शनिवार को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विजेता की घोषणा की जाएगी।
बता दें कि नोबेल पुरस्कार जीतने वाले विजेताओं को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर यानी कि एक मिलियन अमेरिकी $ का पुरस्कार दिया जाता है। बता दे कि यह रकम संस्थापक और स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल द्वारा छोड़ी गई वसीयत से प्राप्त होती है। साल 1896 में अल्फ्रेड नोबेल का मृत्यु हो गया था।