अंतर्राष्ट्रीय

अमेरिका के इस शख्स ने जो बाइडेन के खिलाफ तीखी टिप्पणी करते हुए की पीएम मोदी की तारीफ

Kash Patel Government Gangster: अमेरिका की राजनीति में इस समय एक पुस्तक सरकार गैंगस्टर ने हड़कंप मचा दी है इस पुस्तक के लेखक का नाम काश पटेल है और वो पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी हैं अपनी पुस्तक में उन्होंने बाइडेन गवर्नमेंट के विरुद्ध जहां एक तरफ जो बाइडेन के विरुद्ध तीखी टिप्पणी की है वहीं पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है, काश पटेल अपनी पुस्तक में लिखते हैं कि अमेरिका गवर्नमेंट में नौकरशाही का एक ऐसा हिस्सा है जो कानूनों का उल्लंघन करते हैं

गवर्नमेंट गैंगस्टर में खुलासा

काश पटेल लिखते हैं कि उन्हें करीब 16 वर्ष तक रहने में अवसर का मिला है पिछले 16 वर्षों में अपने अनुभवों को उन्होंने पुस्तक में लिखा हैअमेरिकी गवर्नमेंट में एक हिस्सा है जिन्हें कानून तोड़ने में गर्व महसूस होता है बड़ी बात यह है कि ऐसे लोगों की कोई ज़िम्मेदारी भी नहीं है वो अपनी मर्जी के हिसाब से कानून की व्याख्या करते हैं उन्हें डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन दोनों सरकारों में काम करने का मौका मिला है उन्होंने अनुभव किया कि जब कभी डेमोक्रेट्स गवर्नमेंट में आए हैं तो कानून तोड़ने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुआ है खास बात यह है कि मौजूदा बाइडेन गवर्नमेंट में उत्तरदायी पदों पर बैठे लोगों में सांठगांठ है, बाइडेन प्रशासन में सरकारी गैंगस्टर्स की भरमार है, यही नहीं अपराधी को सर्च करने के लिए खुफिया एजेंसी एफबीआई से जुड़े लोगों को चर्चों और मंदिरों में भेजा जाता है यही नहीं जो लोग निःशुल्क एजुकेशन सिस्टम की वकालत कर रहे हैं उन्हें डराने के लिए जेलों का दर्शन कराया जा रहा है

पीएम मोदी की जबरदस्त तारीफ

गवर्नमेंट गैंगस्टर में पीएम नरेंद्र मोदी की उन्होंने प्रशंसा की उनके अनुसार बाइडेन और ट्रंप प्रशासन में हिंदुस्तान के संबंध में बुनियादी फर्क है ट्रंप प्रशासन में जहां हिंदुस्तान की शक्ति को समझ कर हमने संबंध को और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़े वो बात बाइडेन प्रशासन में दिखाई नहीं देती आप स्वयं देख सकते हैं कि मोदी सरकार, ब्रिक्स संगठन को और मजबूत बनाने की दिशा में ना केवल आगे बढ़ी है बल्कि अमेरिका के विकल्प के तौर पर भी पेश किया है, अब हिंदुस्तान जैसे देश को नजरंदाज नहीं कर सकते लेकिन दुर्भाग्य से बाइडेन प्रशासन इस सच्चाई को समझने की प्रयास नहीं कर रहा है और उसका असर अमेरिका पर नजर भी आ रहा है

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