अंतर्राष्ट्रीय

ईरान-पाकिस्तान में ठनी जंग, एक झटके में कर्ज के महाजाल में डूब सकता है पाकिस्तान

Iran Pakistan Latest News: ईरान और पाक में जंग ठनी है पहले ईरान ने पाक में बम बरसाए इसके बाद पाक ने ईरान के अंदर घुसकर हमले किए दोनों ही हमलों में कई लोगों की मृत्यु हुई है हालांकि हिंदुस्तान के पड़ोसी राष्ट्र पाक के लिए जवाबी हमलों से नयी मुश्किलें पैदा हो सकती हैं दरअसल इन ताजा झड़पों से पहले पाक और ईरान में गैस पाइपलाइन को लेकर ऐतिहासिक समझौता हुआ था एक दशक से भी अधिक समय पहले हुआ ये समझौता अभी भी अधर में लटका हुआ है इसकी मुख्य वजह कंगाल हो चुका पाक है ईरान लगातार पाक पर इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए दबाव डाल रहा है उसने कई बार पाक के विरुद्ध कार्रवाई की चेतावनी दी लेकिन ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जिससे पड़ोसी राष्ट्र को मुश्किलें हों

पाकिस्तान ऋण के महाजाल में डूब सकता 

अब ऐसे हालात बन रहे हैं कि पाक ऋण के महाजाल में डूब सकता है स्वयं पाक तो इस बात का अंदाजा है पिछले वर्ष मई में पाक की लोक लेखा समिति ने चिंता जताई थी कि पाक को भारी जुर्माना देना पड़ सकता है समिति ने बोला था कि पाक यदि ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन परियोजना को आगे नहीं बढ़ाता है तो उसे जुर्माने के रूप में 18 अरब $ की भारी राशि का भुगतान करना होगा

पाकिस्तान और ईरान ने 4 सितंबर 2012 को घोषणा करते हुए बोला था कि गैस पाइपलाइन परियोजना अक्टूबर 2012 से पहले प्रारम्भ होगी और दिसंबर 2014 तक पूरी की जाएगी लेकिन अभी तक ये अधर में लटकी हुई है ईरान ने इस बीच पाक के कई बार नोटिस जारी भेजा है और 18 अरब $ के जुर्माने की चेतावनी दी है पिछले वर्ष ईरान ने पाक को धमकी दी थी कि यदि ‘आईपी गैस लाइन परियोजना’ के हिस्से के रूप में उसने पाइपलाइन नहीं बिछाई तो वह मध्यस्थता न्यायालय का रुख करेगा ये पाक को जारी ईरान का तीसरा नोटिस था

18 अरब $ का जुर्माना देने के लिए तैयार रहे

ईरान ने इससे पहले 2022 में नवंबर-दिसंबर में अपना दूसरा नोटिस जारी किया था इसमें बोला गया कि पाक फरवरी-मार्च 2024 तक अपने क्षेत्र में ईरान-पाकिस्तान गैस लाइन परियोजना के एक हिस्से का निर्माण करे या फिर 18 अरब $ का जुर्माना देने के लिए तैयार रहे इससे पहले, ईरान ने आईपी गैस लाइन परियोजना के अनुसार निर्धारित समय के भीतर पाक के क्षेत्र में पाइपलाइन नहीं बिछाने के लिए मध्यस्थता न्यायालय में जाने के लिए फरवरी 2019 में इस्लामाबाद को एक नोटिस भेजा था इसने गैस बिक्री खरीद समझौते (जीएसपीए) के अनुसार आने वाले जुर्माने को लागू करने की धमकी दी थी

पाकिस्तान के मुकाबले ईरान एक अमीर राष्ट्र है जिसके पास कच्चे ऑयल और प्राकृतिक गैस का विशाल भंडार है पाक पहले से ही महंगे ऑयल और गैस के झंझट से जूझ रहा है ऐसे में उसने ईरान से सस्ती गैस के वास्ते ये समझौता किया था लेकिन अब तक इसे पूरा नहीं किया जा सका क्योंकि पाक पहले से ही विदेशी ऋण के जाल में गले तक डूबा हुआ है

अमेरिका पर गुनाह मढ़ रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान यह तर्क देता रहा है कि ईरान पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण वह अपने क्षेत्र में इस परियोजना को अमलीजामा नहीं पहना पा रहा है हालांकि ईरान के ऑफिसरों इस तर्क से सहमत नहीं हैं उन्होंने बोला कि अमेरिकी प्रतिबंध मुनासिब नहीं हैं इराक और तुर्की लंबे समय से ईरान से गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने अमेरिकी प्रतिबंधों पर छूट हासिल कर ली है इसी तरह हिंदुस्तान को भी अपनी जरूरतों के लिए ईरान से पेट्रोलियम उत्पादों के आयात करने की छूट मिली है लेकिन पाक ऐसा क्यों नहीं कर पा रहा इस बीच, पाक ने यह जानने के लिए अमेरिकी ऑफिसरों से कई बार संपर्क करने की प्रयास की है कि यदि ईरान आईपी गैस लाइन का हिस्सा बन जाता है तो क्या ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों का पाक पर कोई असर होगा? हालांकि अमेरिका ने इसका कोई उत्तर नहीं दिया

ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन को पीस पाइपलाइन या आईपी गैस के रूप में भी जाना जाता है यह ईरान से पाक तक प्राकृतिक गैस पहुंचाने के लिए 2,775 किलोमीटर (1,724 मील) की एक निर्माणाधीन पाइपलाइन परियोजना है अभी ईरान के हमले और पाक के जवाबी हमलों ने पश्चिम एशिया में नए संघर्ष को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं ये क्षेत्र पहले से ही गाजा पट्टी में हमास के विरुद्ध इजरायल के युद्ध और यमन के हुती उपद्रवियों द्वारा लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाए जाने से तनाव व्याप्त है

Related Articles

Back to top button