राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को देंगे श्रद्धांजलि
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों रविवार को बांग्लादेश पहुंचे जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 33 सालों में किसी फ्रांसीसी राष्ट्रपति की यह पहली बांग्लादेश यात्रा है। प्रधान मंत्री शेख हसीना ने ढाका के हजरत शाहजलाल तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मैक्रॉन का स्वागत किया। थल सेना, नौसेना और वायु सेना की संयुक्त टुकड़ी ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
दो दिवसीय दौरे पर आए मैक्रों को राज्य के सर्वोच्च सम्मान के रूप में 21 तोपों की सलामी दी गई। दोनों नेताओं ने हिंदुस्तान में जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। अब मैक्रों और हसीना आज द्विपक्षीय बैठक करेंगे। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दोनों नेता दो द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे और एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को श्रद्धांजलि देंगे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों सोमवार यानी आज बंगबंधु मेमोरियल म्यूजियम में राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को श्रद्धांजलि देंगे। आपको बता दें कि फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ यूरोप और विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना भी बांग्लादेश पहुंची हैं। इससे पहले, पीएम शेख हसीना ने नवंबर 2021 में राष्ट्रपति मैक्रोन के निमंत्रण पर फ्रांस का दौरा किया था।
द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ाने पर जोर
1990 के दशक की आरंभ में फ्रांस और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंध बढ़ने लगे। वहीं, दोनों राष्ट्रों के बीच कुल व्यापार 210 मिलियन यूरो से बढ़कर आज 4.9 बिलियन यूरो हो गया है। आंकड़ों के मुताबिक, फ्रांस बांग्लादेश का 5वां सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। बांग्लादेशी व्यापार ऑफिसरों ने बोला कि फ्रांसीसी कंपनियां अब इंजीनियरिंग, ऊर्जा, एयरोस्पेस और जल क्षेत्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों में शामिल हैं।
फ्रांस के दूसरे राष्ट्रपति का बांग्लादेश दौरा
दरअसल, 33 वर्ष बाद राष्ट्रपति मैक्रों बांग्लादेश का दौरा करने वाले दूसरे फ्रांसीसी राष्ट्रपति हैं। इससे पहले 1990 में राष्ट्रपति फ्रेंकोइस मिटर्रैंड ने ढाका का दौरा किया था। विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमन ने बोला कि बांग्लादेश और फ्रांस के बीच वार्ता के दौरान ग्लोबल वार्मिंग और माइग्रेशन जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके साथ ही दोनों राष्ट्र अपने बीच व्यापार और निवेश बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा करेंगे।