झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने ये बड़ा कदम उठाने का किया ऐलान
पाकुड़. झारखंड में रोड की खस्ता हालत किसी से छुपी नहीं है. खराब रोड के साथ ही दूरदराज वाले कई क्षेत्र अभी सड़क से नहीं जुड़े हैं. इसके अतिरिक्त विभिन्न जिला मुख्यालय भी अच्छी सड़क का दंश झेलने को विवश हैं. इसे देखते हुए झारखंड की हेमंत सोरेन गवर्नमेंट ने बड़ा कदम उठाने का घोषणा कुछ महीनों पहले ही कर दिया था. अब उसपर अमल भी किया जाने लगा है. इसी क्रम में झारखंड गवर्नमेंट ने पाकुड़ में सड़क सुविधा को स्तरीय बनाने का निर्णय किया है. गवर्नमेंट ने जिले में एक साथ 3 सड़क परियोजनाओं को अपनी स्वीकृति दे दी है. इसके लिए तकरीबन 150 करोड़ रुपये का फंड भी जारी कर दिया है. आशा है कि इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद जिले की तस्वीर बदल जाएगी.
पाकुड़ में 3 बाइपास रोड बनाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई है. इसका मुख्य उद्देश्य जिला मुख्याल को रोज लगने वाली जाम से मुक्ति दिलाना है. इसके लिए प्रदेश गवर्नमेंट ने करोड़ों रुपये का फंड भी जारी कर दिया है. कुछ सड़क मार्ग पर भारी वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने का भी निर्णय किया गया है, ताकि शहर को जाम से राहत मिल सके. इन तीनों सड़क परियोजनाओं पर निर्माण कार्य जल्द ही प्रारम्भ कर दिया जाएगा.
शहरकोल-प्यादापुर बाइपास रोड
झारखंड गवर्नमेंट ने शहरकोल से लेकर प्यादापुर तक बनने वाली सड़क के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. तकरीबन 6.34 लंबी इस सड़क का निर्माण 36.85 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा. हेमंत सोरेन की गवर्नमेंट ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. जल्द ही निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया जाएगा. महत्वपूर्ण बात यह है कि इस सड़क के बन जाने से शहर में भारी वाहनों का प्रवेश नहीं होगा. इससे शहरवासियों को जाम से मुक्ति मिलेगी.
विक्रमपुर-महारो रोड प्रोजेक्ट
पाकुड़ जिले में एक और रोड प्रोजेक्ट के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. इस सड़क का निर्माण विक्रमपुर से महारो के बीच किया जाएगा. यह सड़क विक्रमपुर से महारो (वाया कालिदासपुर-सिउलीडांगा) तक जाएगी. तकरीबन 9.53 किलोमीटर लंबी इस सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा. इसके लिए 61.41 करोड़ रुपये का फंड स्वीकृत किया गया है.
कोयला मोड़ से छोटा मोहनपुर तक रोड
हेमंत सोरेन गवर्नमेंट ने कोयला मोड़-छोटा मोहनपुर सड़क परियोजना को भी हरी झंडी दिखा दी है. लगभग 7.20 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण 44.45 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा. इसका निर्माण पूरा होने से जिला मुख्यालय से दूर रहने वाले लोग सरलता से पाकुड़ डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर आ सकेंगे.