फर्जी कागजात से खेल, बिचौलियों से अफसरों तक का सिंडिकेट… वो जमीन घोटाला
झारखंड (Jharkhand) में हुए जमीन घोटाले (Land Scam) के मनी लॉन्ड्रिंग मुद्दे में सीएम (अब पूर्व) हेमंत सोरेन (Hemant Soren) अब बुरी तरह फंस चुके हैं। लगभग 7 घंटे की पूछताछ के बाद बीते बुधवार रात प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने हेमंत सोरेन को आखिरकार अरैस्ट कर लिया। बार-बार प्रवर्तन निदेशालय को छकाने वाले सोरेन की रात इनकी कस्टडी में ही कटी।
वहीं आज यानी गुरूवार 1 फरवरी को ED, हेमंत सोरेन को न्यायालय में पेश करेगी, जहां पूछताछ के लिए वे उन्हें रिमांड पर ले सकती है। इधर हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के विरोध में आदिवासी संगठनों ने आज यानी गुरुवार 1 फरवरी को झारखंड बंद बुलाया है। जानकारी दें की प्रवर्तन निदेशालय के समन के विरुद्ध हेमंत सोरेन ने झारखंड उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल की थी। अब इस मुद्दे पर आज यानी गुरुवार सुबह 10:30 बजे सुनवाई होगी। यह सुनवाई उच्च न्यायालय के अभिनय चीफ न्यायाधीश जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की बेंच में होगी।
क्या है जमीन घोटाला?
दरअसल हेमंत सोरेन पर करोड़ों की जमीन के भ्रष्टाचार और इसी से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज हुआ है। यह पूरा मुद्दा 8।46 एकड़ में फैली सेना की जमीन का है। जो रांची के बड़गाई में स्थित है। इसके 12 प्लॉट हैं जोकि भिन्न-भिन्न लोगों के नाम पर अलॉट हो रखें हैं। हालांकि हेमंत सोरेन से प्रवर्तन निदेशालय ने इस संबंध में 20 जनवरी को भी पूछताछ की थी। तब रांची में प्रवर्तन निदेशालय ने हेमंत सोरेन से करीब 7 घंटे तक चली थी। 20 जनवरी से पहले प्रवर्तन निदेशालय ने सोरेन को कुल 7 समन जारी किये थे। उनके विरुद्ध पहले समन बीते 14 अगस्त 2023 को जारी हुआ था।
ED के मुताबिक करोड़ों की सेना की जमीन पर कब्जे के लिए जाली कागजातों का सहारा लिया गया और पूरे मुद्दे में बड़े पैमाने पर करोड़ों का धन शोधन किया गया। प्रवर्तन निदेशालय के आरोपों के मुताबिक पूरे मुद्दे में हेमंत सोरेन शामिल हैं। जांच एजेंसी ने इस मुद्दे में आरोपियों की कुल 236 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है। एजेंसी ने इस मुद्दे में कुल 14 लोगों को अरैस्ट किया है।
सोरेन पर और भी हैं मामले
हालाँकि हेमंत सोरेन के विरुद्ध इसके अतिरिक्त गैरकानूनी खनन से जुड़ा मुद्दा भी दर्ज है। इसमें भी उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का गंभीर इल्जाम है। गैरकानूनी खनन का यह मुद्दा साहेबगंज का है। इस मामले में हेमंत सोरेन पर इल्जाम है कि उन्होंने वर्ष 2021 में खनन का पट्टा दिया था। लेकिन यह पट्टा दिया जाना चुनावी नियमों के विरुद्ध था। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय इस मुद्दे में सोरेन से पहले पूछताछ कर चुकी है। हो सकता है कि इस मुद्दे में भी हेमंत के लिए और कठिनाई खड़ी हो।