बिहार में आयोजित U-17 के फ़ाइनल मुक़ाबले में झारखंड ने हरियाणा को 3-0 से हराकर रचा इतिहास
गुमला। गुमला आदिवासी बहुल और पिछड़े क्षेत्र में आता है, लेकिन इस जिला को खेल नगरी के रूप में ख्याति प्राप्त है, क्योंकि गुमला जिले के स्थापना के समय से ही यहां से राष्ट्रीय एवम तरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकल कर अपना लोहा मनवाते रहे हैं। गुमला के इतिहास की कड़ी में एक और अध्याय जुड़ा है।
67 वीं राष्ट्रीय स्कूली खेल प्रतियोगिता (SGFI) के भीतर बिहार के सारण में आयोजित U-17 बालिका फुटबॉल प्रतियोगिता के फ़ाइनल मुक़ाबले में झारखंड ने हरियाणा को 3-0 से हराकर इतिहास रचा है। इस मुकाबले में गुमला जिला के आवासीय बालिका फुटबॉल प्रशिक्षण केंद्र ,इंडोर स्टेडियम गुमला की 7 स्त्री खिलाड़ी शामिल रहीं। जिसमें अलका इंदवार, एलिजाबेथ लकड़ा, साऊलीना डुंग डुंग, बिनीता होरो, रेस्मी मिंज , सूरज मुनी कुमारी अनिता डुंगडुंग शामिल है। जिसने फिर से गुमला जिला का नाम रोशन किया है।
बच्चों को मिलता है मुफ़्त प्रशिक्षण
खेलकूद एवं युवा कार्य निदेशालय, झारखंड गवर्नमेंट ,रांची द्वारा आवासीय बालिका फुटबॉल क्रीड़ा प्रशिक्षण केन्द्र, गुमला संचालित है। यहां आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बच्चियां रहती हैं एवं विभिन्न प्रकार के खेलों का मुफ़्त प्रशिक्षण प्राप्त करती हैं। खेल के साथ साथ वे यहां रहकर पढ़ाई भी करती हैं।
जिला खेल पदाधिकारी मनोज कुमार ने कहा कि 67 वीं राष्ट्रीय स्कूली फुटबॉल खेल प्रतियोगिता में गुमला जिले की 7 खिलाड़ी शामिल रहीं, जो बड़ी सौभाग्य की बात है। लगातार रूप से यहां के खिलाड़ी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहरा रहे हैं। खिलाड़ियों के लिए गवर्नमेंट एवं जिला प्रशासन की ओर से खेल को और अधिक बढ़ावा देने का कोशिश भी किया जा रहा है, जो सार्थक भी होता दिख रहा है। इनमें से कुछ खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर में भी शामिल हुई है।मेरी शुभकामनाएं की ये सभी खिलाड़ी हमारे राष्ट्र के लिए भी खेले। और हमारे जिले के साथ-साथ राष्ट्र का भी नाम रोशन करें।