यहां मिलता है भरपेट नाश्ता मात्र दस रुपये में, दूर-दूर से खाने आते हैं लोग, जानें लोकेशन
महंगाई के इस दौर में यदि कोई कहे कि मात्र दस रुपये में पेटभर नाश्ता मिलता है, तो आप क्या कहेंगे। यकीनन आप विश्वास नहीं करेंगे लेकिन यह बात सच है। गुमला जिला मुख्यालय से लगभग 7 किलोमीटर दूर सोनाहातू रोड के बघबोरा में लगने वाले संजीता कुजूर के स्टॉल पर मात्र 10 रुपए में 12 पीस गुलगुले मिलती हैं। इससे यकीनन आपका पेट भर जाएगा।
यहां मिलने वाले गुलगुले के लोग दीवाने हैं, जो सही आटे से तैयार किए जाते हैं। यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हैं। यहां मिलने वाले गुलगुलों के स्वाद के लोग इतने दीवाने हैं कि स्टॉल लगते ही ग्राहकों का आना जाना प्रारम्भ हो जाता है। कुछ लोग तो कढ़ाई में तलते ही हाथ डालकर गुलगुले निकालने लगते हैं।
लकड़ी के चूल्हे पर तैयार होती है सारी चीजें
स्टॉल संचालिका संजीता स्टॉल प्रारम्भ करने का किस्सा भी काफी दिलचस्प है। वह लगभग 12 वर्ष हरियाणा में रह चुकी हैं। वहां घोड़े के फार्म हाउस में रहकर घोड़े के खाने- पीने और देखभाल का काम करती थीं। लंबे सालों तक घर से दूर रहने के बाद अपने गांव परसा वापस आने की सोची और फिर स्वयं का व्यवसाय करने की योजना बनाकर लगभग 5 वर्ष से स्वयं का व्यवसाय चला रही हैं। उन्होनें बोला कि मैं अभी भी पुराने जमाने की तरह सही देशी स्टाइल में लकड़ी के चूल्हे में ही सभी चीजें तैयार करती हूं।
उन्होंने बोला कि गुलगुला बनाने के लिए आटा, चीनी/गुड़, हल्का खाने वाले सोडे का इस्तेमाल करती हूं। फिर लकड़ी के चूल्हे में रिफाइन ऑयल में गर्मा गर्म छानकर लोगों को परोसती हूं। वहीं इसके साथ आलू और चने की सब्जी, चने से तैयार स्पेशल चटनी और धनिया पत्तं की चटनी के साथ सही सखुआ के दोना में परोसती हूं।
10 रुपए में 12 गुलगुले
मात्र 10 रुपए में 12 गुलगुले दिए जाते हैं। स्टॉल सिर्फ़ मंगलवार और शनिवार को बघबोरा,टमरस डांड़ बाजार में लगता है। स्टॉल सुबह 9 बजे से लेकर शाम के 5 बजे तक लगता है। यहां लोग खाने से अधिक पैक करा घर ले जाते हैं। स्टॉल पर खाने आए ग्राहक तुलसी सिंह ने कहा कि मैं गुमला का रहने वाला हूं, लेकिन वर्तमान में मुंबई में रहता हूं। छुट्टी में जब भी गुमला आता हूं तो यहां मिलने वाले गुलगुले जरूर खाने आता हूं।