कोल्हान में उग्रवादियों के बिछाए आईईडी की चपेट में आने से ग्रामीण की हुई मौत

कोल्हान में उग्रवादियों के बिछाए आईईडी की चपेट में आने से ग्रामीण की हुई मौत

कोल्हान क्षेत्र में उग्रवादियों के बिछाए आईईडी की चपेट में आने से एक और ग्रामीण की मृत्यु हो गयी. केन्दू पत्ता तोड़ने जंगल गये कांडे लागूरी आईईडी की चपेट में आ गये. घटना बुधवार के दोपहर दो बजे टोन्टो थाना क्षेत्र के लुईया गांव के जंगली क्षेत्र में घटी है. इन इलाकों के जंगलों में अब भी आईईडी बम बिछे हैं. यह पहली घटना नहीं है इससे पहले भी 7 से अधिक लोगों ने आईईडी बम की चपेट में आकर कोल्हान के इलाकों में अपनी जान गंवा दी है.

पत्नी संग जंगल गये थे कांडे लागुरी

कांडे लागुरी की उम्र लगभग 50 साल थी. कांडे अपनी पत्नी के साथ केन्दू पत्ता तोड़ने जंगल गये थे. अचानक धमाका हुआ और उनकी मृत्यु हो गयी. चाईबासा पुलिस को जब सुचना मिली तो क्षेत्रीय लोगों के योगदान से सीआरपीएफ 193 और बटालियन की टीम ने आपसी योगदान उन्हें जंगली क्षेत्र से बाहर निकाला पोस्टमॉर्टम के लिए सदर हॉस्पिटल चाईबासा भेज दिया. चाईबासा पुलिस ने इस घटना के बाद गहरी संवेदना व्यक्त की है.

जंगलों में बिछी है मौत

पश्चिमी सिंहभूम जिले के सुदूरवर्ती इलाकों में उग्रवादियों की ओर से जगह-जगह आईईडी बम लगाए गये हैं. इन आईईडी का शिकार ग्रामीण हो रहे हैं. विस्फोट की घटना में कई ग्रामीणों की मृत्यु भी हो चुकी है. हाल में ही एक बच्चे की प्रेशर आईईडी विस्फोट की चपेट में आने से मृत्यु हो गयी थी. टोन्टो थाना क्षेत्र के रेंगड़ाहातु गांव में यह घटना घटी थी. अब तक कई लोग इस हमले का शिकार हुए हैं. उग्रवादियों द्वारा सुरक्षा बलों से बचने के लिए लगाये गये आईईडी बम की चपेट में ना केवल ग्रामीण आ रहे हैं बल्कि कई जानवरों की भी मृत्यु हो रही है. इन इलाकों से अक्सर मारे गये लोगों की जानकारी सामने आने में समय लगता है, ऐसे में जावनरों की मृत्यु की समाचार जंगल के अंदर ही दबी रह जाती है.

जंगल पर निर्भर है जीवन

पश्चिमी सिंहभूम के कई इलाकों में क्षेत्रीय लोगों का जीवन पूरी तरह से जंगल पर निर्भर है. ऐसे में जंगल में मृत्यु बिछी होने के बाद भी लोग इसका रुख कर रहे हैं क्योंकि जंगल के बगैर इनका जीवन यापन करना कठिनाई है. सुरक्षा बल लगातार इन इलाकों में सर्च अभियान चला रहे हैं लेकिन ग्रामीणों की हो रही मृत्यु का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है.
पिछले कई महीनों में कोल्हान क्षेत्र में ग्रामीणों की मृत्यु हो रही है. यह मृत्यु सामान्य नहीं है. यह उस जंग का हिस्सा है, जो नक्सली और सुरक्षा बलों के बीच जारी है. ग्रामीण नक्सलियों के लगाए आईईडी बम की चपेट में आने से मारे गये. संख्या हर रोज बढ़ रही है.