बाबूलाल मरांडी ने साधा हेमंत गवर्नमेंट पर निशाना,कहा...

बाबूलाल मरांडी ने साधा हेमंत गवर्नमेंट पर निशाना,कहा...

झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठिया के मामले को अहम बताते हुए बाबूलाल मरांडी ने हेमंत गवर्नमेंट पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट किया, झारखंड उच्च न्यायालय में बांग्लादेशी घुसपैठियों के मामले पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से एक गंभीर बात कही गई. न्यायालय को बताया गया कि बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों को पहले संताल परगना के विभिन्न मदरसों में ठहराया जाता है.उनका सरकारी डॉक्यूमेंट्स तैयार करवाया जाता है (अधिकारियों की मिलीभगत से) इनका नाम मतदाता सूची में डलवाया जाता है और फिर एक षड्यंत्र के अनुसार उन्हें वहां बसाया जाता है.सोचिए , जहाँ घुसपैठिये वोटर होंगे, वहाँ की सामाजिक और सियासी प्रबंध का क्या हाल होगा? इसीलिए एनआरसी महत्वपूर्ण है.

झामुमो की ट्रोल टोली मुझ पर हमलावर
इस पोस्ट के बाद बाबूलाल मरांडी ने एक और झामुमो की ट्रोल टोली ट्वीट किया जिसमें लिखा, झामुमो की ट्रोल टोली मेरे ऊपर हमलावर रहती है. उन्हें कष्ट होता है कि मैं जनता की ज्वलंत समस्याओं पर उनके मुखिया को क्यों घेरता हूँ.उन्हें पीड़ा होती है कि मैं उनके मुखिया की पोल क्यों खोलता हूँ.ट्रोल टोली के प्रति मेरे मन में तनिक भी दुर्भावना नहीं है.बेचारे वे तो मोहरे हैं.मुझे तरस आता है हेमंत जी पर, वे कुंठा में मुझे अपने समर्थकों से अमर्यादित टिप्पणी करवाते हैं, मुझे गलत शब्द कहलवाते हैं. लेकिन इससे मेरे मनोबल पर कोई असर नहीं है, इनके झूठ, लूट, चोरी, बेईमानी, आतंक और तुष्टिकरण का पर्दाफाश करता रहूंगा.

बाबूलाल मरांडी ने न्यायालय की याचिका का जिक्र किया
बाबूलाल मरांडी लगातार हेमंत गवर्नमेंट पर हमलावर हैं. बाबूलाल मरांडी ने अपने ट्वीट में जिसका जिक्र किया है वह16 मई को झारखंड उच्च न्यायालय ने संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ, डेमोग्राफी परिवर्तन और धर्मांतरण को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई का है. केंद्रीय गृहमंत्रालय और राज्य गवर्नमेंट से पूछा था कि इसे रोकने के लिए क्या किया जा रहा है. उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों को 19 जुलाई तक उत्तर दाखिल करने का निर्देश भी दिया था. याचिकाकर्ता का बोलना है कि संताल परगना के साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा, जामताड़ा और दुमका जैसे जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठ हो रहा है. बांग्लादेशी नागरिक यहां की आदिवासी युवतियों को विवाह कर उनका धर्मांतरण कराते हैं.