गंगोत्री, तिर्की और धान समेत 14 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद

डीसी छवि रंजन उपचुनाव समापन कराने के बाद पत्रकारों से बात करे हुए
राजधानी के भीतर आने वाली मांडर विधानसभा के लिए हुए उपचुनाव कड़ी सुरक्षा प्रबंध के बीच समापन हो गया. सुबह 7 बजे प्रारम्भ हुआ मतदान शाम 4 बजे तक चला. वोटिंग समाप्त होने के बाद डीसी छवि रंजन ने बताया की शाम तक 60.05% वोटिंग हुई है.
उन्होंने बोला की कुछ बूथों का आंकड़ा आना बाकी है. उन्होंने बताया कि साल 2019 में 67% वोटिंग हुआ था. दरअसल आय से अधिक संपत्ति मुद्दे में रांची की एक न्यायालय द्वारा तीन वर्ष की सजा सुनाये जाने के बाद बन्धु तिर्की की झारखण्ड विधानसभा से सदस्यता चली गयी. इसी वजह से खाली हुई इस सीट के लिए उपचुनाव हो रहा है.
वोट डालने के लिए अपनी बारी का इन्तजार करते लोग
14 प्रत्याशियों की किस्मत EVM में कैद
करीब साढ़े तीन लाख मतदाताओं के क्षेत्र में चुनाव लड़ रहे 14 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गयी है. 433 बूथों पर सुबह सात बजे से दोपहर चार बजे तक वोटिंग हुई. हालांकि, कई बूथों पर मतदाताओं के लाइन में लगे होने के कारण कुछ देर तक वोटिंग भी हुई. मतों की गणना 26 जून होगी.
वोट पर उत्साह भारी
ये हैं प्रमुख उम्मीदवार
प्रदेश में सत्तारूढ़ महागठबंधन के तरफ से शिल्पी नेहा तिर्की को उम्मीदवार बनाया गया है. तिर्की, मांडर से विधायक रहे बंधु तिर्की की बेटी हैं और कांग्रेस पार्टी के टिकट से उपचुनाव लड़ रही हैं. वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर को टिकट दिया है. कुजूर 2014 में भी इस विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं. वहीं भाजपा से निलंबित नेता देव कुमार धान असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से उम्मीदवार हैं.
सुरक्षा के थे कड़े इंतजाम
मतदान शांतिपूर्ण कराने के लिए कड़ी सुरक्षा प्रबंध की गई थी. 170 केंद्रीय सुरक्षा बल, 263 डीएसपी और लगभग 3000 पुलिस जवान लगाए गए । वहीं मांडर विधानसभा क्षेत्र में 144 धारा लागू कर दी गई है जो 21 से 24 जून की सुबह तक रहेगी.