खलारी में कोयला लिफ्टर पर आज सुबह-सुबह हुआ जानलेवा हमला
झारखंड की राजधानी रांची में ठीक वैसी ही घटना हुई, जैसी अमिताभ बच्चन की दो फिल्मों ‘दीवार’ और ‘कुली’ में हुई थी। अंतर केवल इतना रहा कि इन फिल्मों में अमिताभ बच्चन की जान 786 नंबर के बिल्ले ने बचाई थी। और रांची में अपराधियों की गोली से कोयला लिफ्टर रवि राम की जान उसके मोबाइल टेलीफोन ने बचा ली है। जी हां। खलारी में कोयला लिफ्टर रवि कुमार पर शनिवार (10 फरवरी) को सुबह-सुबह जानलेवा धावा हुआ, लेकिन जेब में पड़े मोबाइल टेलीफोन की वजह से वह बाल-बाल बच गया। हमले से गुस्साए व्यापारियों ने कोयला ढुलाई का काम ठप कर दिया।
मोटरसाइकिल से आ रहा था रवि राम, घात लगाकर बैठे थे अपराधी
कोयला लिफ्टर रवि राम केडीएच कोयला स्टॉक से अपनी मोटरसाइकिल से आ रहा था। खलारी थाना क्षेत्र के रोहिणी-केडीएच रोड पर घात लगाकर बैठे अपराधियों ने उसे देखते ही फायरिंग कर दी। एक गोली रवि की पैंट की जेब में रखे मोबाइल टेलीफोन से टकराई। रवि मोटरसाइकिल छोड़कर जान बचाने के लिए दामोदर नदी से होते हुए भागा। रवि जब भाग रहा था, तभी अपराधियों ने उस पर कई बार गोली चलाई। हालांकि, रवि किसी तरह से हमलावरों की गोली से बच गया।
चार घंटे तक मौके पर नहीं पहुंची पुलिस
सूचना पाकर उसके साथी उसे हॉस्पिटल ले गए। प्राथमिक इलाज के बाद उसे हॉस्पिटल से घर भेज दिया गया। रवि राम पूरी तरह सुरक्षित है। सीआईएसएफ के अधिकारी और क्यूआरटी की टीम मौके पर पहुंची और पूरे मुद्दे की जानकारी ली। 4 घंटे के बाद भी खलारी थाना पुलिस मौके पर नहीं पहुंची थी। घटना के बाद कोयला लिफ्टरों में भय है।
व्यापारियों का आरोप- लेवी के लिए आते हैं फोन
मालूम हो कि खलारी-पिपरवार के कोयला व्यवसायियों को लेवी के लिए टेलीफोन किये जा रहे हैं। 4 जनवरी को रातू में दिनदहाड़े कोयला व्यवसायी अभिषेक श्रीवास्तव की गोली मारकर मर्डर कर दी गई। इसकी जिम्मेवारी उग्रवादी संगठन टीएसपीसी ने ली थी। उग्रवादी संगठन और क्रिमिनल रैकेट लेवी के लिए कोयला व्यवसायियों को निशाना बनाते रहे हैं।
लेवी दें तो एनआईए पकड़ेगी, न दें तो गोली खानी होगी
कोयला व्यवसायियों का इल्जाम है कि पुलिस का सूचना तंत्र फेल हो गया है। पुलिस उनको सुरक्षा देने में असफल है। यदि वे उग्रवादियों और उग्रवादियों को लेवी देते हैं, तो केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए उनको पकड़ लेती है। यदि लेवी नहीं देते हैं, तो नक्सली, उग्रवादी और क्रिमिनल उन्हें गोली मार देते हैं। यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो खलारी-पिपरवार में कोयला व्यवसाय बंद हो जाएगा। कोयला व्यवसाय बंद हो गया, तो सैकड़ों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। खलारी के बाजार पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा।