ईडी कोर्ट से आईएएस छवि रंजन की जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब हाईकोर्ट से भी याचिका हुई खारिज
ईडी न्यायालय से आईएएस छवि रंजन की जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब उच्च न्यायालय से भी याचिका खारिज कर दी गई है। आज झारखंड उच्च न्यायालय में जस्टिस एसके द्विवेदी की न्यायालय में छवि रंजन की डिफाल्ट जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया। दरअसल सीआरपीसी की धारा 167 को आधार बनाते हुए उच्च न्यायालय में प्रवर्तन निदेशालय न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गयी थी।
कोर्ट की क्या रही टिप्पणी
झारखंड उच्च न्यायालय में जस्टिस एसके द्विवेदी की न्यायालय में जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में बोला कि प्रवर्तन निदेशालय की ओर से अनुसंधान पूरा किया गया है। अनुसंधान ठीक समय में पूरा किया गया। जिसके बाद इल्जाम पत्र दाखिल किया गया है। ऐसे में डिफॉल्ट बेल का मुद्दा नहीं बनता है। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार ने पैरवी की।
क्या थी छवि रंजन की याचिका
दरअसल रांची में सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की गैरकानूनी ढंग से खरीद बिक्री मुद्दे में रांची के पूर्व उपायुक्त और निलंबित आईएएस अधिकारी छविरंजन बीते पांच महीने से कारावास में बंद हैं। उन्होंने पहले प्रवर्तन निदेशालय न्यायालय में बेल के लिए याचिका दाखिल की। इस याचिका को खारिज कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने इस यचिका को उच्च न्यायालय में चुनौती दी। उन्होंने डिफाल्ट बेल याचिका दाखिल की। जिसमें उन्होंने सीआरपीसी की धारा 167 के पिटिशन को प्रवर्तन निदेशालय न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। छविरंजन ने निचली न्यायालय में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दाखिल आरोपपत्र में त्रुटि होने और निर्धारित समय से चार्जशीट दाखिल नहीं होने को जमानत देने का आधार बनाया था।
लैंड स्कैम मुद्दे में अरैस्ट हुए हैं छवि रंजन
आईएएस छवि रंजन को रांची में हुए आर्मी लैंड स्कैम मुद्दे में प्रवर्तन निदेशालय ने अरैस्ट किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय को अपने जांच के दौरान पावर ब्रोकर के रूप में चिह्नित प्रेम प्रकाश सहित जमीन के डॉक्यूमेंट्स में जालसाजी करने वालों के साथ छवि रंजन के मधुर संबंधों और उन्हें सहायता पहुंचाने से संबंधित तथ्य मिले है। चार मई को पूछताछ के दौरान छवि रंजन ने स्वयं को बेगुनाह साबित करने की प्रयास की थी। इस दौरान उन्होंने सभी इल्जाम अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर मढ़ते रहे। वहीं, छवि रंजन ने प्रेम प्रकाश से मिलने की बात से भी इनकार किया। हालांकि, जमीन घोटाले से जुड़े डॉक्यूमेंट्स को दिखा कर पूछे गये प्रश्नों में छवि रंजन उलझ गये। जिसके बाद उन्हें अरैस्ट कर लिया गया था।