बोकारो के ग्रामीण इलाकों में लगेंगे 107 बायो गैस प्लांट

बोकारो। बोकारो के ग्रामीण इलाकों में हिंदुस्तान गवर्नमेंट बायो गैस प्लांट का निर्माण कराने जा रही है। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा मनरेगा के अनुसार ये प्लांट लगाए जाएंगे। इसके लिए प्रखंडवार सूची तैयार की गई है। पहले चरण में 10 प्रखंडों में कुल 107 बायो गैस प्लांट लगेंगे। ग्राम सभा द्वारा लाभुकों का चयन किया जाएगा। इसके लिए रोजगार सेवक से लाभुकों की सूची मांगी गई है। साथ ही सभी पंचायत के जनप्रतिनिधियों को भी ठीक लाभुकों का चयन करने का निर्देश दिया गया है।
पहले चरण में बेरमो प्रखंड में 5, चंद्रपुरा, जरिडीह, कसमार, नावाडीह, पेटरवार में 10-10, चंदनक्यारी, चास और गोमिया में 15-15 इंडिविजुअल बायो गैस प्लांट लगाए जाएंगे। हर बायो गैस प्लांट के निर्माण पर 41,520 रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें 24,265 रुपये सामग्री मद के होंगे जबकि 17,227 रुपये मजदूरी मद के। इसके अतिरिक्त क्लस्टर बायो गैस प्लांट और कम्युनिटी बायो गैस प्लांट भी बनाए जाएंगे। जिसमें बोकारो के चंद्रपुरा में एक कम्युनिटी बायो गैस प्लांट का निर्माण होना है। वहीं, चास, चंदनक्यारी, गोमिया, जरिडीह, नावाडीह और पेटरवार प्रखंड में एक-एक क्लस्टर बायो गैस प्लांट बनाए जाएंगे।
पहले फेज में 107 प्लांट
इस संबंध में मनरेगा के जिला नोडल अधिकारी पंकज दुबे ने News18 Local को बताया कि पहले चरण में ग्रामीण इलाकों में 100 लाभुकों को मनरेगा से बायो गैस प्लांट का फायदा दिया जा रहा है। वहीं, क्लस्टर स्तर पर 6 और एक सामुदायिक बायो गैस प्लांट का निर्माण कराया जाएगा। सामुदायिक बायो गैस प्लांट से अधिक-अधिक लोगों को फायदा मिल सकेगा। इन सभी का निर्माण पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से किया जाएगा।
बायो गैस प्लांट की खासियत
बायो गैस प्लांट की विशेषता यह होती है कि इसमें व्यर्थ पदार्थों का उपयोग कर उसे सड़ाया जाता है। जिससे रसायनिक अभिक्रिया होकर गैस का उत्सर्जन होता है। जिसे स्टोर कर इस्तेमाल किया जाता है। बायोगैस प्लांट में गोबर का सर्वाधिक उपयोग होता है। बायो गैस से निकलने वाले बायप्रोडक्ट खेती के लिए सर्वोत्तम खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इसका दोहरा लाभ होगा। उनके पास खाना बनाने के लिए ईंधन भी होगा और खेती के लिए खाद भी।