सरकारी स्कूलों मे सीखने और सीखाने की प्रक्रिया आसान बनाने के लिए चैट बोट लांच
राज्य के सरकारी विद्यालयों में अब किया गया है। पहले चरण में यह क्लास छह से आठ के लिए लागू किया जा रहा है। इसकी आरंभ शिक्षा विभाग के सचिव के रवि कुमार और शिक्षा परियोजना निदेशक किरण पासी ने संयुक्त रूप से की। इस दौरान राज्य के 24 जिला से आए जिला स्तरीय पदाधिकारी प्रत्यक्ष रूप से शामिल थे। वहीं जूम और यूट्यूब के माध्यम 10 हजार से भी अधिक संख्या में ब्लॉक स्तरीय पदाधिकारी, क्लस्टर स्तरीय पदाधिकारी और विद्यालय के शिक्षक एवं बच्चे शामिल हुए।
शिक्षक बना सकेंगे लेशन प्लान
इस दौरान राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी ने बोला कि डिजिटल युग में इस चैट बोट के माध्यम से शिक्षक क्लासरूम जाने से पहले चैट बोट का इस्तेमाल कर लेसन प्लान, वर्कशीट बना सकेंगे। इसके अतिरिक्त वीडियो के माध्यम से अपने क्लासरूम में सीखने-सीखाने की विधि को सरल कर पाएंगे। बच्चों की बात करें तो वे प्रत्येक हफ्ते के शनिवार से अगले शुक्रवार तक साप्ताहिक क्विज के माध्यम से अपना परफॉर्मेंस का स्तर समझ पाएंगे।
अभी पहले चरण की लांचिंग
इस दौरान जीसीईआरटी के एसआरजी मनीष मित्तल पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से सभी को डीजी साथ वीकली प्रैक्टिस के बारे में बताया। शिक्षक चैट बोट का इस्तेमाल प्रथम फेज में कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियों को उनके ठीक शैक्षणिक स्तर पर पढ़ने के लिए करेंगे। इसमें गणित विज्ञान और हिंदी विषयों के लिए एससीईआरटी के पुस्तकों में दिए गए सीखने के प्रतिफलों पर आधारित शिक्षण योजना और अभ्यास पत्र को मौजूद कराए जाते हैं। लेशन प्लान एवं प्रैक्टिस सेट दिए गए हैं। इसमें विद्यार्थियों को इंटरएक्टिव ढंग से पढ़ने के लिए सीखने के प्रतिफलों पर आधारित उच्च गुणवत्ता वाली वीडियो सामग्री मौजूद कराई गई है।
ऐसे मिलेगा चैट बोट
चैट बोट के प्रतिनिधि आर्यन गर्ग ने कहा की आज के समय में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाली चीज है चैट बोट। इसे इस्तेमाल करने के लिए मोबाइल के प्ले स्टोर से इसे डाउनलोड करना है। मोबाइल नंबर से वेरिफिकेशन के बाद क्यूआर कोड या फिर लिंक के माध्यम से शिक्षक और डीजी साथ वीकली प्रैक्टिस चैट बोट का इस्तेमाल कर सकते हैं। डीजी साथ वीकली प्रैक्टिस प्रत्येक शनिवार को लाइव कर दिया जाता है जो जो कि अगले शुक्रवार तक रहता है। बच्चे विद्यालय का यू डाइस कोड डालकर अपने विद्यालय को वेरीफाई करते हुए अपना नाम डालते हुए प्रत्येक हफ्ते तीन विषय का क्विज़ सबमिट कर सकते हैं। साथ ही साथ वह ये भी पता कर सकते हैं कि उनके लर्निंग आउटकम में कितने मार्क्स आ रहे हैं जिस लर्निंग आउटकम में उनके परफॉर्मेंस अच्छे नहीं रहेंगे उनके लिए उसी समय इस चैट बोर्ड पर वीडियो भी प्राप्त होती है ताकि बच्चे वीडियो देखकर अपने स्तर को आगे बढ़ा सके।