हेमंत सोरेन ने चुनाव आयोग से 4 सप्ताह का समय मांगा

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने मंगलवार को बोला कि खनन पट्टे को लेकर एक नोटिस का उत्तर देने के लिए उन्होंने निर्वाचन आयोग से चार हफ्ते का समय मांगा, लेकिन आयोग ने उन्हें 10 दिन का समय दिया। निर्वाचन आयोग ने सोरेन से उत्तर मांगा था क्योंकि उसे एक रिप्रजेंटेशन मिला था कि वह सीएम के पद का कथित तौर पर दुरुपयोग कर रहे हैं और इसलिए उन्हें विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। सोरेन ने हालांकि इन आरोपों को खारिज किया है।
आयोग ने सोरेन को खनन पट्टा अपने पक्ष में आवंटित किये जाने के आरोपों को लेकर दो मई को नोटिस जारी किया था और उनसे 10 मई तक उत्तर देने को बोला था, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नेता सोरेन ने अपनी मां की खराब स्वास्थ्य सहित अन्य कारणों का हवाला देते हुए चार हफ्ते का समय मांगा था।
सोरेन ने इससे पहले एक समाचार एजेंसी को कहा, ‘‘मैंने अपने नोटिस का विस्तृत उत्तर देने के लिए निर्वाचन आयोग से कम से कम चार हफ्ते का समय मांगा है।’’ हालांकि, राष्ट्रीय राजधानी में सूत्रों ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने उन्हें 10 दिन का समय दिया है।
सोरेन ने कहा, ‘‘मैंने निर्वाचन आयोग से यह भी निवेदन किया है कि संविधान के अनुच्छेद 192 (2) के अनुसार झारखंड के गवर्नर को भेजने के लिए आयोग द्वारा अपनी राय तय करने से पहले मुझे अपने कानूनी वकील के जरिये पर्सनल सुनवाई का अवसर दिया जाना चाहिए।’’
निर्वाचन आयोग को सीएम द्वारा पद के ‘‘दुरुपयोग’’ के मामले पर झारखंड के गवर्नर रमेश बैस से एक रिप्रजेंटेशन मिला है और वह उन्हें अपनी राय भेजेगा। यदि आरोप साबित हो जाते हैं, तो वह (सोरेन) राज्य विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य हो सकते हैं। सोरेन ने निर्वाचन आयोग को भेजे पत्र में अपनी मां की गंभीर रोग का हवाला देते हुए बोला है कि वे लगातार इलाज के सिलसिले में हैदराबाद में थे। उन्होंने बोला कि इस वजह से भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा भेजे गये नोटिस का वह शोध नहीं कर पाए हैं।
उन्होंने पत्र में बोला है कि वह 30 अप्रैल को नयी दिल्ली में मुख्यमंत्रियों और हिंदुस्तान के मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन में कुछ समय के लिए शामिल हुए थे और इसके अतिरिक्त वह ज्यादातर समय हैदराबाद में ही रहे क्योंकि उनकी 67 वर्षीय मां लगभग आठ महीने से गंभीर रूप से बीमार हैं और उन्हें बेहतर उपचार के लिए 28 अप्रैल, 2022 को रांची से हैदराबाद ले जाया गया था।
निर्वाचन आयोग को पांच मई को भेजे पत्र में सोरेन ने कहा, ‘‘उनका फिलहाल हैदराबाद के एआईजी हॉस्पिटल के आईसीयू में उपचार चल रहा है। उनका उचित चिकित्सा इलाज सुनिश्चित करने के लिए, मुझे भी हैदराबाद में रहना पड़ा।’’ उन्होंने नौ मई को फिर से निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर उनसे अपना उत्तर देने के लिए और समय दिये जाने का निवेदन किया था।