रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन झारखंड होगा राममय
रांची: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के आह्वान पर 22 जनवरी को अयोध्या जी में हो रही श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन झारखंड के 51 हजार से अधिक मंदिरों में सुबह 10 बजे से धार्मिक अनुष्ठान, पूजन, भजन, कीर्तन, हनुमान चालीसा पाठ, सुंदरकांड पाठ, श्रीरामचरितमानस का पाठ किया जाएगा। यह बात विश्व हिंदू परिषद के प्रांत अध्यक्ष पंचम सिंह ने रांची के मोरहाबादी में प्रेस वार्ता कर कही। उन्होंने बोला कि अयोध्या राम मंदिर में हो रहे कार्यक्रम का राज्य के हजारों मंदिर परिसरों में लाइव प्रसारण की भी प्रबंध की जा रही है। इसकी तैयारी में समस्त हिंदू समाज के साथ विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल सहित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सभी अनुषांगिक संगठन, सभी धार्मिक, आध्यात्मिक, सामाजिक संगठन, मन्दिर समिति के लोग लगे हुए हैं। अयोध्या जी में हो रहे मर्यादा पुरुषोत्तम ईश्वर श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में सम्मिलित होने का परम सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। इससे वास्तव में उनका जीवन धन्य हो गया।
22 जनवरी को अविस्मरणीय बनाने को तैयार
विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत मंत्री डॉ बिरेन्द्र साहु ने बोला कि 16 जनवरी से ही हिंदू समाज मंदिरों की साफ-सफाई, मंदिरों की साज-सज्जा में लगा हुआ है। प्राण प्रतिष्ठा के दिन की तैयारी लगभग पूरी हो गई है। हिंदू समाज अपने-अपने निकटतम मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाकर अनुष्ठान करने के लिए आतुर है। हिंदू समाज 22 जनवरी के दिवस को अविस्मरणीय बनाने के लिए दांपत्य जीवन की आरंभ करने के लिए, तो कहीं माताएं अपने शिशु को जन्म देने के लिए तो कहीं अपने-अपने निकट ईश्वर के नूतन मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम के अनुष्ठान प्रारंभ कर दिए हैं। ईश्वर पुरुषोत्तम श्री रामजी की जीवन लीलाओं को दिखाने के लिए कहीं रामलीला, तो कहीं राम कथा कर प्रत्येक व्यक्ति तक राम के जीवन के प्रेरक प्रसंग को आने वाली नयी पीढ़ियों को दिखाया जा रहा है।
राममय हो गया है झारखंड
कहीं कलश यात्रा, तो कहीं भजन-कीर्तन, श्रीरामचरित मानसपाठ की मधुर ध्वनियां गुंजायमान हो रही हैं। विद्यालयों के छोटे-छोटे बच्चे राम का रूप धारण कर वातावरण को राममय बना रहे हैं। समस्त हिंदू समाज भक्तिपूर्ण रेट से प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी में लगा हुआ है। पूरे झारखंड प्रांत का हर गांव और गली राममय हो गया है। समस्त हिंदू समाज 22 जनवरी की सुबह11:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक अपने निकट के मंदिरों में परिवार के साथ एकत्र होकर धार्मिक अनुष्ठान करेंगे। घर की माताएं अपने-अपने घरों से आरती की थाली सजाकर लाएंगे और अयोध्या जी में हो रहे प्रथम आरती के साथ महाआरती में सम्मिलित होंगे तथा संध्या बेला में भव्य रूप में दीपोत्सव का कार्यक्रम कर ईश्वर पुरुषोत्तम श्रीराम लला के प्राण प्रतिष्ठा का आनंद लेंगे।
22 जनवरी का दीपोत्सव होगा खास
झारखंड में जहां मंदिर नहीं है, वहां के लोगों के द्वारा अपने निकटतम किसी सार्वजनिक जगह पर प्रभु श्रीरामजी दरबार का चित्र रखकर पूजा-अर्चना, धार्मिक अनुष्ठान, महाआरती कर प्रसाद ग्रहण करने की तैयारी की जा चुकी है। पौष द्वादशी तदनुसार 22 जनवरी का दीपोत्सव त्रेतायुग से 500 गुना बड़ा होगा क्योंकि पूर्व का दीपोत्सव मात्र 14 साल वनवास के बाद वापसी की थी। कलयुग का दीपोत्सव 496 साल वनवास के बाद का होगा। यह दीपोत्सव भव्य, ऐतिहासिक एवं अविस्मरणीय होगा। ईश्वर पुरुषोत्तम राम वनवास के समय झारखंड के रामरेखा धाम होकर गुजरे थे। ऐसे में झारखंड के सभी वनवासी, गिरिवासी, शहरवासी समाज उनके नूतन भवन में प्राण प्रतिष्ठा के पावन दिवस में उत्सव मनाने को तैयार बैठे हैं।
प्रेस वार्ता में ये थे मौजूद
प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से प्रांत अध्यक्ष पंचम सिंह, प्रांत उपाध्यक्ष गंगा यादव, प्रांत मंत्री डॉ बिरेन्द्र साहु, प्रांत संगठन मंत्री देवी सिंह, प्रांत सहमंत्री रंगनाथ महतो, प्रचार प्रसार प्रांत सहप्रमुख प्रकाश रंजन, बजरंग दल पूर्व प्रांत संयोजक राजकिशोर, सामाजिक समरसता प्रांत अध्यक्ष नरेंद्र प्रसाद सिंह, रांची विभाग मंत्री किशुन झा, रांची विभाग सेवा प्रमुख रवि शंकर राय सहित कई गणमान्य आदमी मौजूद थे।