झारखण्ड

इस पूजा को लेकर गोड्डा के बाजारों में तैयारियां जोरों पर

 विश्वकर्मा पूजा निकट आ चुका है पूजा को लेकर गोड्डा के बाजारों में तैयारियां भी जोरों पर देखी जा रही है मूर्ति बनाने वाले कलाकार इसे आखिरी रूप देने में जुटे हैं इस बार गोड्डा में मिट्टी के साथ-साथ प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां भी बनाई जा रही हैं प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां दिखने में जितनी खूबसूरत होती हैं उतनी ही सस्ती इसकी मूल्य होती है इसके साथ इन मूर्तियों को बनाने में अधिक समय भी नहीं लगता है एक मूर्ति का ढांचा महज दो से ढाई घंटे में तैयार हो जाता है और रंग रोहन कर तैयार करने में मात्र एक दिन का समय लगता है

गोड्डा के कझिया नदी के पास मूर्ति बनाने में जुटे चुनचुन पंडित ने कहा कि इस बार उन्हें 10 से 12 पीस की मूर्तियों का आर्डर मिला है अभी 5 से 6 दिन बाकी हैं और भी ऑर्डर आने की आसार है वे इसी साल से प्लास्टर ऑफ पेरिस की विश्वकर्मा ईश्वर की मूर्तियां बनाना प्रारम्भ किए हैं उनके पास 300 रुपए से 2500 रुपए तक की मूर्तियां मौजूद हैं

प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां काफी चलती है

उन्होंने कहा कि प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां बनाना मिट्टी मूर्तियों से अधिक सरल होता है जहां एक मिट्टी की मूर्ति को बनाने में 10 दिन का समय लगता है वहीं प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां मात्र एक दिन में तैयार हो जाती हैंइस मूर्ति के टूटने का डर भी कम होता है मिट्टी की मूर्ति की तुलना में पानी में भी अधिकसमय में गलती है जो कम मूल्य पर बड़ी मूर्ति स्थापित करने की सोचते हैं उनके लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां काफी अच्छी और सस्ती होती है

इस मूर्ति को बनाने के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस को मिट्टी में मिला कर उसे नारियल के छिलकों के साथ फ्रेम में डाला जाता है और उसके बाद इसे दो से ढाई घंटे तक सुखाया जाता है सूखने के बाद इसे पानी और ब्रश से प्लेन किया जाता है इसके बाद इसमें रंग रोगन किया जाता है मूर्ति बनाकर तैयार हो जाती है

 

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