बड़ी दिलचस्प है इस झील की कहानी, यहां नहाने आते थे राजा-रानी, जानें यहाँ की कुछ खास बातें
नए वर्ष के स्वागत को लेकर लोग स्थान जगह घूमना प्रारम्भ कर देते है। इसके लिए लोग नदी, तालाब, जंगल, पहाड़, झील जैसे स्थान की तलाश करते है। यदि आप की घूमने के लिए ऐसे स्थान की तलाश कर रहे है। इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे राजा रानी से जुड़ी एक ऐसे तालाब के बारे में जहां राजा और रानी नहाने जाते थे। इस जगह की विशेषता जान आप यहां आने को हो जायेंगे मजबूर।
पलामू टाइगर रिजर्व में यदि आप नए वर्ष में घूमना चाहते है तो यहां कई झील, नदी तालाब है जो आपको रोमांचित करेंगे। पलामू टाइगर रिजर्व भीतर पलामू किला है। जो पलामू के इतिहास को समेटे हुए है। यहां से कई कहानी सुनने को मिलती है। वहीं पलामू किला से चार किलोमीटर दूर कमलदह झील है।जो की राजा और रानी की कहानी से जुड़ा है। यहां नए वर्ष में लोग घूमने भी आते है। पर्यटक विभाग द्वारा यहां वॉच टॉवर बनाया गया है। वहीं कमलदह झील में लकड़ी का पूल बनाया गया है।जहां से झील की खूबसूरती और वादियों की तस्वीर लेते है और मनोरंजित होते है।
राजा रानी किसी जमाने में झील में करते थे स्नान
अवध सिंह ने लोकल18 को कहा की यह झील पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।खासकर इतिहास में रुचि रखने वाले लोग यहां आना बहुत पसंद करते है। 16वी से 17वीं शताब्दी के बीच चेरो राजाओं के काल खंड से जुड़ा है इस झील का कहानी।कहा जाता है इस झील में राजा और रानी स्नान करने आते थे।उस जमाने में कई राजा हुए मगर सबसे अधिक स्वर्णिम इतिहास के पन्ने पर राजा मेदिनिराय का नाम दर्ज है। राजा मेदिनीराय अपने राज्य में रात में हर घर घुमा करते थे।जिस घर में मथना नहीं बजता वहां सुबह सुबह सेवादारों द्वारा गाय पहुंचा दिया करते थे। आज भी उनके लिए एक स्लोगन विख्यात है की “धन धन राजा मेदनीया, घर घर बाजे मथनिया”। ये घूमने के लिए बहुत खास है।चारों तरफ जंगल के बीच इस खूबसूरत झील लोगों को खूब रोमांचित करता है।हमलोग जब भी समय मिलता है घूमने चले आते है।
ऐसे पहुंचे यहां
कमलदह झील पलामू टाइगर रिजर्व भीतर पड़ता है।जो की पलामू जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर है।यहां आने के लिए जिला मुख्यालय से एन एच 39 से दुनियाखाड़ से बेतला के रास्ते से आ सकते है।बेतला नेशनल पार्क से पलामू किला के रास्ते में जाना पड़ता है।जहां किला से पीछे दाई ओर कच्ची सड़क के रास्ते में जाना पड़ता है।कमलदह झील तक आने के लिए संकेत बोर्ड लगाए गए है।जो लोगों आने के आसन हो सकता है।