नेशनल राइफल शूटर तारा शाहदेव उत्पीड़न मामले में बचाव पक्ष की ओर से सीबीआई कोर्ट में लिखित बहस किया गया प्रस्तुत
नेशनल राइफल शूटर तारा शाहदेव शोषण मुद्दे में बचाव पक्ष की ओर से CBI न्यायालय में लिखित बहस प्रस्तुत किया गया। शनिवार को हुई आखिरी सुनवाई में CBI के स्पेशल जस्टिस पीके शर्मा ने बोला था कि यदि बचाव पक्ष (आरोपी रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल) लिखित बहस न्यायालय में देना चाहते हैं तो दे सकते हैं। जिसके बाद आज आरोपी रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल की ओर से लिखित बहस CBI न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। पिछली सुनवाई के दौरान तारा शाहदेव की ओर से धर्म बदलाव करने, यौन उत्पीड़न और दहेज के लिए प्रताड़ित करने के इल्जाम लगाए गए थे। जिसे बचाव पक्ष की ओर से आधारहीन कहा गया है। CBI न्यायालय ने शनिवार को ही निर्णय की तारीख 30 सितंबर को तय कर दी है।
क्या है तारा शाहदेव मामला
रंजीत सिंह कोहली और तारा शाहदेव की विवाह सात जुलाई 2014 को हुई थी। विवाह के बाद से ही तारा शाहदेव के साथ पति रकीबुल हसन/रंजीत कोहली द्वारा शोषण और हाथापाई की घटनाएं होने लगी थी। धर्म छुपा कर विवाह करने, यौन उत्पीड़न, धर्म बदलाव के लिए प्रताड़ित करने का मुद्दा प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने जांच प्रारम्भ की। बाद में झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर वर्ष 2015 में CBI ने मुद्दे को टेकओवर किया। फिर जांच प्रारम्भ की। जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के विरुद्ध वर्ष 2018 में चार्जशीट दाखिल की गयी थी।
26 गवाहों के बयान दर्ज
झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर CBI ने 2015 में इस मुकदमा को टेक ओवर किया था। इस मुद्दे में जारी बहस पूरी हो चुकी है। CBI की ओर से 25 फरवरी को गवाही पूरी कर ली गई थी। इसके बाद न्यायालय ने आरोपियों का बयान दर्ज किया। बयान दर्ज होने के बाद बचाव पक्ष ने अपने बचाव में गवाही दी। गवाही बंद होने के बाद मुद्दे में बहस जारी थी। जो पूरी हो गई। मुद्दे में तीनों आरोपियों के विरुद्ध तीन जुलाई 2018 को इल्जाम गठित किया गया था। CBI की ओर से 26 गवाहों को पेश किया गया है।