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करोड़ों के लेनदेन के जरिये पीआर बेनीवाल द्वारा मास्टर प्लान से छेड़छाड़ करने का मामाल

 राज्य गवर्नमेंट की करप्शन के विरुद्ध जीरो टोलरेंस नीति जारी करने के बावजूद अजमेर जोनल प्लान में भू-उपयोग बदलाव में अनियमितताएं सामने आई है

अजमेर जोनल प्लान में करोड़ों के लेनदेन के जरिये पीआर बेनीवाल द्वारा मास्टर प्लान से छेड़छाड़ करने का मामाल सामने आया है अजमेर के जन प्रतिनिधी निरन्तर जोनल प्लान में हुए करप्शन को लेकर जिला कलेक्टर, नगरीय मंत्री और विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को सबूतों के साथ शिकायतें कर चुके हैं दरअसल मास्टर प्लान जनवरी-2021 में अधिसूचित होने के बाद नियमानुसार उसमें 2 साल अर्थात जनवरी-2023 तक भू इस्तेमाल में किसी प्रकार का बदलाव नही किया जा सकता था इसके बावजूद भू-परिवर्तन कर दिया गया

शिकायतों में कहा गया है कि पीआर बेनीवाल और संविदा पर रखे अर्बन प्लानर आकाश द्वारा मास्टर प्लान में खुला बाग, पार्क, रिहायशी, भू-उपयोग को अपनी पंसद के व्यक्तियों/कम्पनियों के पक्ष में उसे टाउनशिप, व्यवसायिक में बदलाव कर डाला इसका ज्वलंत उदाहरण थोक मालियान के खसरा नम्बर 9572 और 9579 को…… रियल एस्टेट प्रा0 लि0 भैरूगंज अजमेर के नाम दर्ज है भूमि मास्टर प्लान में आरक्षित बाग, खुले स्थल, आमोद-प्रमोद, सुविधा क्षेत्र में दर्ज थी, को 8 फरवरी 2022 को आवासीय टाउनशिप में पट्टा जारी कर दिया

फायसागर रोड स्थित अजमेर बाग में पार्क/खुला क्षेत्र की भूमि को जोनल प्लान में व्यवसायिक परिवर्तन कर करोड़ों का फायदा पहुंचाया गया

जेडीए का का भवन नाले में बनवा डालाः-

नदी-नालो तालाब, डूबत क्षेत्र में भवन निर्माण और पट्टे जारी कर पीआर बेनीवाल ने स्वीकार किया कि दिनांक 4 अप्रैल 2024 को हुई प्राधिकरण की 23वीं बैठक में तथ्यों को छिपाते हुए हेराफेरी की गई अजमेर विकास प्राधिकरण का भवन ही नाले में बनवा डाला, ऐसे निदेशक (आयोजना) की इस भूल की नीयत क्या जनता की वाहन कमाई के टेक्स से चुकाई जाएगी क्योंकि हाई कोर्ट से इसका टूटना तय है, नाला डायवर्जन करने का कोई प्रावधान है इसमें अब्दुल रहमान बनाम स्टेट के निर्णय का उल्लंघन हुआ है

बेनिवाल ने माननीय हाई कोर्ट द्वारा जारी जोनल प्लान के निर्देशों के उल्टा जाकर साल 2017 की सैटेलाईट इमेजरी पर बिना मौका परीक्षण किये जोनल प्लान बनवा डाले नियमानुसार मास्टर प्लान में दर्शित भू-उपयोग को जोनल प्लान में नहीं बदला जा सकता, परन्तु बेनिवाल ने हजारों एकड़ भूमि के मौके पर इस्तेमाल को रिक्त भूमि दर्शा दिया मास्टर प्लान में दर्शित रिहायशी भूमि को रिक्त या कृषि भूमि दर्ज किया ऐसे भू-उपयोग बदलाव के कई मामले, जिनमें कानून और नियमों का उल्लंघन किया गया है प्रश्न यह है कि अजमेर जोनल प्लान में इस तरह हो रही गड़बड़ी का आखिर उत्तरदायी कौन है? और इसका हानि आखिर कौन उठाएगा?

 

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