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चीन में सरकारी अधिकारियों के आईफोन इस्तेमाल पर रोक: कहा…

चीन ने अमेरिकी कंपनी एपल सहित दूसरे राष्ट्रों के डिवाइस के यूज पर रोक लगा दी है. हालांकि, यह रोक सिर्फ़ सरकारी ऑफिसरों पर लागू होगी. ऑफिसरों से बोला गया है कि वह ऑफिस में इन डिवाइसों को न लाए और न ही काम के लिए यूज करें. वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी एक रिपोर्ट में ये दावा किया है.

चीन की गवर्नमेंट ने ऑफिसरों को राष्ट्र में बने टेलीफोन को इस्तेमाल करने के लिए बोला है. रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने एपल के अतिरिक्त अन्य टेलीफोन मैन्युफैक्चरर का नाम नहीं लिया है. अभी तक एपल ने इसके बारे में कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है. वहीं, चीन की गवर्नमेंट ने भी इस पाबंदी के बारे में ऑफिशियल तौर कोई भी जानकारी नहीं दी है.

एपल के ‘वंडरलस्ट’ इवेंट से पहले लगाया प्रतिबंध
चीन ने सरकारी ऑफिसरों के आईफोन इस्तेमाल करने पर यह प्रतिबंध ऐसे समय में लगाया है, जब कंपनी 12 सितंबर को कैलिफोर्निया में वंडरलस्ट इवेंट करने वाली है. इस इवेंट में एपल आईफोन 15 सीरीज के साथ एपल वॉच सीरीज 9 और एपल वॉच अल्ट्रा 2 को भी लॉन्च कर सकता है.

18% आईफोन मैन्युफैक्चरिंग को हिंदुस्तान शिफ्ट कर सकता है एपल
एपल 2025 तक 18% ग्लोबल आईफोन मैन्युफैक्चरिंग को हिंदुस्तान शिफ्ट करने पर विचार कर रहा है. बैंक ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान गवर्नमेंट की प्रोडक्शन-लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम (PLI) एपल को राष्ट्र में मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.

बैंक ऑफ अमेरिका ने अपने रिपोर्ट में बोला है कि गवर्नमेंट की PLI स्कीम सिर्फ़ एपल की नहीं बल्कि इण्डिया की सहायता कर सकती है. यह स्कीम वित्त साल 2026 तक मोबाइल टेलीफोन का डोमेस्टिक प्रोडक्शन 3 गुना बढ़ाकर 126 अरब $ और निर्यात 5 गुना बढ़ाकर 55 अरब $ करने के लक्ष्य को पूरा करने में सहायता कर सकती है.

जियो पॉलिटिकल टेंशन और कोविड-19 महामारी के बाद एपल समेत अन्य अमेरिकी टेक कद्दावर भी चीन के बाहर अपनी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के विस्तार पर काम कर रहे हैं.

भारत गवर्नमेंट की PLI स्कीम का हिस्सा एपल
एपल के तीनों कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर हिंदुस्तान गवर्नमेंट की 41,000 करोड़ रुपए की प्रोडक्शन-लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम (PLI) का हिस्सा हैं. इस स्कीम के बाद ही हिंदुस्तान में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग में तेजी आई है. 2020 में हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने PLI Scheme को लॉन्च किया था. इस स्कीम से बाहर के राष्ट्रों की कंपनीज को मौका मिलता है कि वो लोकल मैन्युफैक्चरिंग का लाभ उठा सकें, साथ ही उस पर इन्सेंटिव भी कमा सकें.

 

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