न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने 67 छात्रों द्वारा दायर याचिका पर करेगा सुनवाई

नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस). केंद्र गवर्नमेंट ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने जेईई एडवांस 2023 के लिए मौजूद होने वाले विद्यार्थियों के लिए छूट की मांग वाली याचिका पर नोटिस का उत्तर दे दिया है.
न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव की पीठ ने 67 विद्यार्थियों द्वारा पंजीकृत याचिका पर सुनवाई करते हुए बोला कि केंद्र का उत्तर रिकॉर्ड में नहीं है और उसे ऐसा करने का निर्देश दिया. उन्होंने याचिकाकर्ताओं को उत्तर दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय भी दिया है.
साथ ही निर्देश दिया है कि उत्तर को रिकॉर्ड में रखा जाए और मुद्दे को अगली सुनवाई के लिए 16 अप्रैल को सूचीबद्ध किया है. न्यायालय ने 7 मार्च को केंद्र और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया था और दो हफ्ते के भीतर उत्तर मांगा था.
आवेदकों ने आग्रह किया है कि उनके लिए इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा को फिर से देना संभव बनाया जाए क्योंकि पिछले वर्ष जून और जुलाई में आयोजित जेईई मेन 2022 दोनों सत्रों में तकनीकी मुद्दों की परेशानी थी. इन त्रुटियों ने उम्मीदवारों को परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने से रोका, जिससे कई उम्मीदवारों के स्कोर और फीसदी में जरूरी कमी आई.
पिछले साल, जेईई परीक्षा के साथ कई तकनीकी मामले थे, जिनमें लगातार कंप्यूटर क्रैश, कई मिनटों स्क्रीन का रूकना, लोड होने में बहुत अधिक समय लेना, अधूरे प्रश्न और बहुत कुछ शामिल थे.
कुछ विद्यार्थियों ने दावा किया कि वे परीक्षा देने में असमर्थ थे क्योंकि उनके सेंटरों को बिना किसी सूचना के अचानक बदल दिया गया था. कुछ उम्मीदवारों को उनके परिणामों में गलतियों के साथ-साथ उनकी रिस्पॉन्स शीट में अंतर का सामना करना पड़ा.
छात्रों को जेईई एडवांस्ड 2022 के दौरान इसी तरह की तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा था. तकनीकी कठिनाइयों का सामना करने वाले कई विद्यार्थियों के लिए यह उनका आखिरी कोशिश था.
यह 2020 में 12वीं कक्षा से स्नातक करने वाले विद्यार्थियों के लिए आखिरी जेईई मेन परीक्षा थी, और 2021 में 12वीं कक्षा से स्नातक करने वाले विद्यार्थियों के लिए आखिरी जेईई एडवांस कोशिश था.