चार धाम यात्रा रूट पर अगर आपने यह काम किया तो हो जायेगा केश दर्ज

चार धाम यात्रा रूट पर अगर आपने यह काम किया तो हो जायेगा केश दर्ज

Char Dham Yatra 2023: यूपी सहित राष्ट्र के किसी भी राज्य से यदि आप केदारनाथ-बदरीनाथ सहित चार धाम यात्रा-2023 पर जाने के लिए प्लान बना रहें हैं तो यह समाचार आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है. चार धाम यात्रा रूट पर यदि आपने यह काम किया तो आपके विरूद्ध मुकदमा दर्ज होने के साथ ही आपको कारागार भी हो सकती है.

इसके अलावा, चार धाम पर जाने से पहले तीर्थ यात्रियों के लिए पंजीकरण करवाना जरूरी है. रजिस्ट्रेशन के बिना किसी भी श्रद्धालु को चार धाम में दर्शन को अनुमति नहीं दी जाएगी. चार धाम यात्रा रूट पर बुजुर्ग, बच्चे और  महिला तीर्थयात्रियों को केदारनाथ धाम तक ले जाने में अहम किरदार निभाने वाले बेजुबान घोड़े खच्चरों की सुरक्षा के लिए इस बार उत्तराखंड गवर्नमेंट की ओर से कठोर व्यवस्था रहेंगे.

पशु क्रूरता करने पर तीर्थ यात्रियों सहित संचालकों के विरूद्ध भी कठोर एक्शन होगा. पशु क्रूरता करने के पर मुकदमा दर्ज करने से लेकर आरोपी को कारागार भी हो सकती है.  गवर्नमेंट की ओर से गाइडलाइन की ओर से घोड़े खच्चरों के खाने-पीने और आराम को लिए प्रबंध की जा रही है. पशु क्रूरता का कोई भी मामला प्रकाश में आने पर दोषी के विरूद्ध तुरन्त एफआईआर करने के निर्देश भी दे दिए गए हैं.

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा भी 15 अप्रैल तक केदारनाथ रूट का मुआयना करने जाएंगे. बहुगुणा ने शुक्रवार को ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि बीते वर्ष के अनुभवों के आधार पर इस वर्ष पहले से ही तैयारियां प्रारम्भ कर दी गई है. पशुओं के इलाज और उनके स्वास्थ्य जांच के लिए 20 सदस्यीय टीम तैनात की जा रही है. 

इसमें 10 डॉक्टर और दस सपोर्टिंग स्टॉफ होगा. 
इसके साथ ही पूरे यात्रा मार्ग पर पशुओं पर क्रूरता की रोकथाम के लिए 20 सदस्यीय एसओएस टीम भी तैनात रहेगी. गौरीकुंड में 1500 घोडे-खच्चरों के आराम और चारे की प्रबंध के लिए शेड बनाया जा रहा है.  पुलिस ऑफिसरों को निर्देश दे दिए गए हैं कि पशु क्रूरता का मामला सामने आने पर तुरन्त एफआईआर की कार्रवाई की जाए.

110 करोड़ की आमदनी हुई थी घोडा-खच्चर संचालकों को: पिछले वर्ष यात्रा के दौरान अकेले रुद्रप्रयाग में ही घोड़ा खच्चर संचालकों को 110 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी. जबकि हेलीसेवा से जुड़ी कंपनियां 75.40 करोड़ तक ही पहुंच पाई थी. बहुगुणा ने बोला कि घोड़ा-खच्चर वास्तव में क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी जरूरी है. लेकिन उनकी सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है.

प्रोटीनयुक्त मिलेगा चारा, हर किलोमीटर पर गरम पानी 
पशुपालन मंत्री के मुताबिक पिछली बार यात्रा के दौरान कम्पलेन में मिली थी कि घोड़े खच्चरों को सूखा भूसा खिलाया जा रहा है. उस दौरान पशुओं के मरने की एक बडी वजह स्वास्थ्य खराब और भूख भी रहा. इस बार यात्रा मार्ग पर हर किलोमीटर पर गरम पानी की नाद और गीजर लगाया जा रहा है. इससे पशुओं को पीने को गरम पानी मिलेगा. इसके साथ ही पशुपालक को चारे में मिनरल पाउडर भी देना होगा.

उत्तराखंड को मिलेंगी 35 नयी पशु चिकित्सा एंबुलेंस
बहुगुणा के मुताबिक केंद्र गवर्नमेंट ने राज्य को 35 नयी पशु चिकित्सा एंबुलेंस देने पर सहमति दे दी है. राज्य गवर्नमेंट ने हर ब्लॉक में एक-एक एंबुलेस रखने का फैसला किया था. 35 नयी एंबुलेंस मिलने से हर ब्लॉक में यह सुविधा मिलने लगेगी.

यमुनोत्री धाम में घोड़ा-खच्चरों के लिए वन-वे प्रबंध रहेगी
एसपी अर्पण यदुवंशी ने बोला कि इस बार गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में यात्रियों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया है. उन्होंने बोला कि यमुनोत्री धाम में घोड़ा-खच्चरों के लिए वन वे की प्रबंध की गई है. साथ ही बिना रजिस्ट्रेशन वाले घोड़ा-खच्चरों को धाम जाने की अनुमति नहीं होगी. अतिरिक्त शुल्क वसूलने की कम्पलेन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 

पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने चारधाम यात्रा के सुगम और बेहतर संचालन का रोड मैप सामने रखा.  घोड़ा-खच्चरों के लिए 10 मार्च से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है. जानकीचट्टी से दो किमी पीछे फूलचट्टी में इस बार घोड़ा पड़ाव बनाया गया है, जहां से सभी घोड़े-खच्चर नियमानुसार धाम के लिए जा सकेंगे. इस बार एक दिन में 1200 घोड़े-खच्चरों को ही धाम जाने की अनुमति होगी.

उन्होंने बोला कि गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर हादसा संभावित 250 से अधिक जोन चिह्नित किए गए हैं. इसके अतिरिक्त गुजरात, महाराष्ट्र से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी इस बार वहां की लोकल भाषा से संबंधित पोस्टर, फ्लैक्सी आदि मार्गों पर लगाई जाएगी, जिससे यात्रियों को धामों के बारे में सरलता से पता चल सकेगा. उन्होंने यात्रियों से सरकारी वेबसाइटों से ही धामों के लिए पंजीकरण की अपील की.

केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने में मौसम बन रहा बाधा
केदारनाथ पैदल मार्ग पर लोनिवि डीडीएमए द्वारा बर्फ हटाने का काम जारी है. हालांकि लगातार खराब मौसम केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने में खलल डाल रहा है. शुक्रवार को भी मौसम ने श्रमिकों के हाथ रोक दिए. बर्फबारी के कारण श्रमिकों का काम प्रभावित हुआ.

ठीक एक महीने बाद भगवान केदारनाथ धाम की यात्रा प्रारम्भ हो जाएगी. 25 अप्रैल को बाबा केदार के कपाट देश-विदेश के तीर्थयात्रियों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे. इस लिहाज से जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सभी विभागों को यात्रा तैयारियों को युद्ध स्तर पर करने के निर्देश दिए हैं किंतु लगातार बारिश और बर्फबारी से यात्रा तैयारियों में मुश्किलें पैदा हो रही है. लोनिवि डीडीएमए ने पूर्व में केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की आवाजाही करा दी थी किंतु फिर बर्फबारी हो गई.

ये विभाग भी कर रहे तैयारियां
जल संस्थान द्वारा यात्रा मार्ग में तीर्थ यात्रियों को स्वच्छ पेयजल मौजूद कराए जाने के लिए पेयजल स्टैंड पोस्ट, हैंडपंप एवं पेयजल लाइनों का मरम्मत कार्य किया जा रहा है. घोड़े-खच्चरों को पानी देने के लिए चरियों की मरम्मत एवं निर्माण किया जा रहा है. सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड में मंदाकिनी नदी में पड़े कचरे की भी सफाई के लिए पर्यावरण मित्रों द्वारा तेजी से सफाई की जा रही है. 

चारों धामों व्हाट्सअप सहित चार विकल्पों से कराएं पंजीकरण 
यात्रियों को आधार कार्ड के साथ यात्रा करनी होगी. पंजीकरण में भी आधार कार्ड नंबर दर्ज करना होगा. यात्री वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर पंजीकरण करा सकेंगे. व्हाट्सअप नंबर 8394833833 पर पंजीकरण का विकल्प रहेगा. टोल फ्री नंबर 01351364 के साथ मोबाइल एप touristcareuttarakhand को डाउनलोड कर भी पंजीकरण किया जा सकेगा.

गाड़ियों के लिए यहां करें पंजीकरण
बाहर से आने वाले वाहनों के लिए greencard.uk.gov.in पर पंजीकरण की प्रबंध की गई है. इस वेबसाइट पर पंजीकरण ग्रीन कार्ड बनाए जा सकते हैं. ग्रीन कार्ड चारधाम यात्रा पर जाने वाले सभी कमर्शियल वाहनों का बनता है. इसमें गाड़ी और ड्राइवर के ड्राइविंग लाइसेंस की जानकारी होती है. इसके बाद सभी कागजात साथ में रखने की आवश्यकता नहीं होगी. गाड़ी का तकनीकी और भौतिक हालात का निरीक्षण करने के बाद यह कार्ड दिया जाएगा. अप्रैल प्रथम हफ्ते से ग्रीन कार्ड बनने प्रारम्भ होंगे. इसके साथ ही ट्रिप कार्ड बनेंगे. ट्रिप कार्ड में यात्रियों का पूरा डिटेल होगा.