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लोकसभा में महिला आरक्षण बिल के पक्ष में पड़े 454 वोट, जोकि कुल संख्या है दो तिहाई

Mahila Aarakshan Bill: लोकसभा से बुधवार को ऐतिहासिक नारीशक्ति वंदन बिल (महिला आरक्षण बिल) पारित हो गया. इस बिल का विभिन्न दलों से समर्थन किया. बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े, जोकि कुल संख्या का दो तिहाई आंकड़ा है. सदन में पर्चियों के जरिए से वोटिंग हुई, जिसकी वजह से आमतौर पर लगने वाले समय से अधिक समय लगा. मोदी गवर्नमेंट द्वारा बुलाए गए संसद के पांच दिनों के विशेष सत्र में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसे सदन में पेश किया था. विधेयक में विधानसभाओं और लोकसभा में स्त्रियों के लिए एक तिहाई सीटों के रिजर्व करने का प्रावधान है. मोदी कैबिनेट से इस विधेयक को सोमवार को स्वीकृति मिली थी, जिसके बाद इसे विशेष सत्र के दूसरे दिन पेश किया गया था.

लोकसभा से पारित होने के बाद अब इस बिल पर राज्यसभा में गुरुवार को चर्चा होगी. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में इसकी घोषणा की. उन्होंने बोला कि सदन में विभिन्न दलों के नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद यह तय किया गया कि संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023 पर बृहस्पतिवार को यहां चर्चा होगी. उन्होंने बोला कि लोकसभा में विधेयक के पारित होने के बाद इसे उच्च सदन में चर्चा एवं पारित किए जाने के लिए पेश किया जाएगा. इस विधेयक पर चर्चा के लिए साढ़े सात घंटे का समय तय किया गया है.

महिला आरक्षण विधेयक पर लोकसभा में हुई चर्चा का उत्तर देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि स्त्री आरक्षण विधेयक लाकर पीएम नरेन्द्र मोदी ने मातृशक्ति को सम्मानित किया है. इसके पारित होने से नए युग की आरंभ होगी. पीएम मोदी ने जी20 में स्त्रियों के नेतृत्व वाली प्रगति का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया. स्त्री सशक्तीकरण दूसरे दलों के लिए सियासी मामला होगा, लेकिन उनकी पार्टी और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए यह सियासी नहीं, बल्कि मान्यता का मुद्दा है.

इससे पहले, कांग्रेस पार्टी सांसद राहुल गांधी ने भी बिल का समर्थन किया, लेकिन साथ ही यह भी बोला कि इसमें अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) की स्त्रियों के लिए अलग आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए क्योंकि इसके बिना यह विधेयक अधूरा है. उन्होंने लोकसभा और विधानसभाओं में स्त्रियों के लिए 33 फीसदी सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर निचले सदन में चर्चा में भाग लेते हुए गवर्नमेंट से यह आग्रह भी किया कि तुरन्त जातीय जनगणना कराई जाए और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) गवर्नमेंट के समय हुई जातीय जनगणना के आंकड़े जारी किए जाएं. कांग्रेस पार्टी नेता ने इल्जाम लगाया कि सत्तापक्ष जातीय जनगणना की मांग से ध्यान भटकाने का कोशिश कर रहा है.

जल्द से जल्द लागू किया जाए बिल
वहीं, कांग्रस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार को गवर्नमेंट से आग्रह किया कि ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ के कानून बनने के साथ इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए क्योंकि इसे लागू करने में देरी हिंदुस्तान की स्त्रियों के साथ घोर नाइंसाफी होगी. उन्होंने लोकसभा और विधानसभाओं में स्त्रियों के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ का समर्थन किया और यह भी बोला कि जाति जनगणना करा कर इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) की स्त्रियों के लिए आरक्षण की प्रबंध की जाए. विधेयक पर चर्चा की आरंभ करते हुए कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष ने क्षेत्रीय निकायों में स्त्रियों के लिए आरक्षण की प्रबंध सुनिश्चित करने में अपने पति और पूर्व पीएम राजीव गांधी के सहयोग को याद किया और बोला कि इस स्त्री आरक्षण विधेयक के पारित होने से उनके दिवंगत पति का अधूरा सपना पूरा होगा.

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