हावड़ा-किऊल मेन लाइन पर भीषण रेल हादसा टला
हावड़ा-किऊल मेन लाइन पर शुक्रवार को भयंकर रेल दुर्घटना टल गया। यहां हजारों रेल यात्रियों से भरी पुरी-जयनगर एक्सप्रेस आग की लपटों के बीच से गुजर पटरी पर दौड़ती रही। हालांकि इस दौरान रेल ड्राइवर की सूझ-बूझ और ग्रामीणों की बहादुरी से ट्रेन किसी हादसा की शिकार होने से बच गयी। यह दुर्घटना किऊल-जसीडीह रेलखंड के सिमुलतला स्टेशन के नजदीक हुआ, जहां अप मेन लाइन के ओवरहेड तार में आग लग गयी। ओवरहेड तार धू-धू कर जलने लगा। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि वह एक किलोमीटर दूर तक गांव के लोगों को दिख रही थीं। उससे चटकने की तेज आवाज भी आ रही थी।
ओवरहेड तार में लगी थी आग
जानकारी के अनुसार, सिमुलतला रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर कटोरवा ब्रिज के पास पोल संख्या 351/5 और 351/7 के बीच अप ट्रैक का ओवरहेड तार टूट गया और जमीन पर गिर गया। जमीन के संपर्क में आते ही उसमें आग लग गयी और देखते ही देखते आग ने भयावह रूप ले लिया। इसी दौरान सिमुलतला रेलवे स्टेशन से 18419 अप पुरी-जयनगर साप्ताहिक एक्सप्रेस खुली और थोड़ी देर में हादसे वाली स्थान पर पहुंच गयी। सुबह 6:15 बजे ट्रेन कटोरवा ब्रिज के नजदीक पहुंच गयी।
आग के बीच से निकली ट्रेन
इधर ओवरहेड तार से आग की लपटें निकलती देख ट्रैक किनारे ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठी हो गयी। ग्रामीणों ने ट्रेन को रोकने के लिए शोर भी किया। लेकिन ट्रेन इतनी रफ्तार में थी कि उसमें आपातकालीन ब्रेक लगाना संभव नहीं था। इस कारण ड्राइवर के पास कोई चारा नहीं था और ट्रेन आग की लपटों तथा टूट कर गिरे ओवरहेड तार के बीच से निकल गयी। गनीमत यह रही कि ट्रेन आग की चपेट में नहीं आयी और ना ही जमीन पर गिरे हाई टेंशन तार की तार के संपर्क में आयी, अन्यथा भयंकर ट्रेन हादसे की आसार से मना नहीं किया जा सकता है। इसके बाद ट्रेन थोड़ी आगे जाकर खड़ी हो गयी। ट्रेन में सवार हजारों लोग ट्रेन से बाहर निकल आये। घटना के बाद अप मेन लाइन पर आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया। अप मेन लाइन पर कई ट्रेनें सिमुलतला, जसीडीह सहित अन्य स्टेशनों पर रुकी रही।
1500 से अधिक यात्री ट्रेन में थे सवार
ट्रेन में अचानक ब्रेक लगाने और ट्रैक किनारे से आग की लपटें देख सभी यात्री घबरा गये। ट्रेन रुकते ही सभी यात्री ट्रेन से उतर गये। इस ट्रेन में कुल 18 कोच थे। जबकि यात्री करीब 1500 से अधिक सवार थे। इसके बाद यात्रियों को पता चला कि टूटे तार के कारण आग लगी है। गनीमत रही कि ओवर हेड तार टूटे होने के बावजूद ट्रेन चालक की सूझबूझ के कारण एक बड़ा दुर्घटना होने से बचा। जबतक ट्रेन चालक ट्रेन को रोक पाते, तब तक ट्रेन घोरपारन जंगल में जा पहुंची।
साढ़े छह घंटे तक परिचालन रहा बाधित
घटना की सूचना मिलते ही स्टेशन प्रबंधक अखिलेश कुमार जसीडीह, झाझा और मधुपुर से पावर वैगन मशीन को बुलाकर घटना स्थल पर पहुंचे। तार मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर प्रारम्भ कराया। जंगल में ट्रेन रुकने के कारण यात्रियों में भय का माहौल बना हुआ था। सभी यात्री भयभीत थे। ट्रेन चालक आर बेसरा, उपचालक प्रकाश कुमार एवं गार्ड जावेद इकबाल मीडिया से कुछ भी बताने से बचते दिखे। तार दुरुस्त करने के लिए पहुंची जसीडीह की टीम के एसएससी एसके पासवान, अनिल कुमार, परमानंद यादव, झाझा से एसएससी हरेंद्र कुमार और मधुपुर से एसएससी डी कुमार अपने दल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। छह घंटे की कड़ी मेहनत कर ओवरहेड तार को दुरुस्त कर साढ़े छह घंटे बाद रेल परिचालन को पुनः चालू कराया।
जंगल में अधिक समय तक ट्रेन रुकने से यात्री रहे परेशान
हादसे के बाद पुरी-जयनगर एक्सप्रेस को बीच जंगल में ही रोकना पड़ा। जंगल में ट्रेन रुकने के कारण यात्री सुविधा नहीं मिलने से यात्री पानी और भोजन से वंचित रहे। लोग भूख से बचने के लिए चना आदि के सहारे समय काटते दिखे। जंगल में अधिक समय ट्रेन खड़ी होने के कारण कुछ यात्री सिमुलतला झाझा मुख्य सड़क मार्ग पर पहुंच गये। झाझा और सिमुलतला स्टेशन ऑटो से चले गये। घटना के बाद रेलकर्मी और अधिकारी जांच कर ओवरहेड तार दुरुस्त करने में भिड़ गये। युद्धस्तर पर काम कर सात घंटे में तार को दुरुस्त कर परिचालन को प्रारम्भ किया। तार टूट जाने के कारण हावड़ा- मोकामा एक्सप्रेस ट्रेन दोपहर 01:00 बजे तक सिमुलतला स्टेशन पर खड़ी रही। जबकि हटिया पटना पाटलिपुत्र एक्सप्रेस जसीडीह स्टेशन पर खड़ी रही। हटिया पटना पाटलिपुत्र एक्सप्रेस ट्रेन सिमुलतला 12:10 बजे पहुंची और 01:15 बजे सिमुलतला से खुली। जबकि अन्य ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी रहीं।