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राजस्थान को वर्ष 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने हेतु विजन दस्तावेज किया जा रहा तैयार

जयपुर, राजस्थान को साल 2030 तक राष्ट्र का अग्रणी राज्य बनाने हेतु राज्य गवर्नमेंट द्वारा विजन डॉक्यूमेंट्स तैयार किया जा रहा है इसी क्रम में गुरुवार को उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, खान एवं भूविज्ञान विभाग, रीको की ओर से एचसीएमरीपा, ओटीएस के मेहता बैठक भवन में परामर्श शिविर आयोजित किया गया

परामर्श शिविर में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुन्तला रावत ने बोला कि सीएम श्री अशोक गहलोत की दूरदर्शिता से राजस्थान मिशन 2030 के अनुसार प्रदेश के विकास का विजन डॉक्यूमेंट्स तैयार किया जा रहा है उन्होंने बोला कि राज्य में उद्यम सुगमता से संचालित हो सके, इसके लिए सुधारवादी कम उठाए गए हैं राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम अधिनियम लागू होने से उद्योगों की स्थापना प्रक्रिया आसान एवं सुगम बनी है प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन हेतु राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2019 एवं 2022 लागू की गई है
उन्होंने बोला कि प्रदेश के औद्योगिक विकास हेतु कृषि प्रसंस्करण उद्योग नीति, सौर ऊर्जा नीति, विंड एवं हाइब्रिड ऊर्जा नीति, पर्यटन नीति उद्योगों के लिए मददगार साबित हो रही हैं श्रीमती रावत ने बोला कि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की फ्लैगशिप योजनाओं की बदौलत प्रदेश में युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं

परामर्श शिविर में अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग एवं वाणिज्य विभाग वीनू गुप्ता ने बोला कि अब विभाग की ओर से सभी जिलों में परामर्श शिविर आयोजित किए गए हैं जिसमें 3500 से अधिक हितधारकों ने 2000 से अधिक सुझाव दिए हैं उन्होंने बोला कि सुझावों को संकलित कर गुणवत्तापूर्ण विजन डॉक्यूमेंट्स तैयार किया जा रहा है

राजसिको की व्यवस्था निदेशक डाक्टर मनीषा अरोड़ा ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग और इसके अधीन आने वाले सभी निगम एवं बोर्ड, खान एवं भूविज्ञान विभाग की चार साल की प्रगति रिपोर्ट का हितधारकों के समक्ष प्रजेंटेशन दिया एवं प्रमुख योजनाओं की जानकारी दी


परामर्श शिविर में हितधारकों ने दिए विभिन्न सुझाव

उद्योग क्षेत्र के विभिन्न संगठनों, विषय जानकारों ने विजन डॉक्यूमेंट्स हेतु अपने सुझाव साझा किया, जिसमें प्रमुख रूप से एमएसएमई सेक्टर को गति प्रदान करने हेतु सिंगल विंडो को अधिक आसान बनाने, वैकल्पिक ऊर्जा साधन पर फोकस, लघु श्रेणी के होटलों के लिए विशेष नीति, मनरेगा को उद्योगों से जोड़ने, उद्योगों के साथ स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाने, वेयरहाउस को उद्योग का दर्जा देने, प्लास्टिक मैन्युफैक्चरिंग एवं निवेशकों हेतु रिसाइकिल नीति बनाने, खनिज, पर्यटन, हस्तकला, कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के आवश्यकता के अनुरूप नवीन औद्योगिक क्षेत्र बनाने, विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में फूड सेफ्टी लैब स्थापित करने हेतु सुझाव दिए 22 गोदाम करतारपुर औद्योगिक क्षेत्र में विभिन्न आधारभूत सुविधाओं का विस्तार, खनन क्षेत्र में दोगुना उत्पादन, दोगुना रोजगार हेतु नीतिगत निर्णय लेने का सुझाव दिया गया

परामर्श शिविर में राजस्थान चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, सीआईआई, फोर्टी, वीकेआईए, जयपुर इंडस्ट्रियल एस्टेट एसोसिएशन, फिक्की, खादी संस्थान, डिक्की, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, टैक्स प्रोफेशनल एसोसिएशन, ऑइल एसोसिएशन, खान मालिक एवं खान उद्यमों के प्रतिनिधि, हस्तशिल्पी, बुनकर हितधारकों ने अपने सुझाव प्रदान किए

 

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