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Madhubani पार्षदों के हंगामे के बाद सफाई एजेंसी को नगर निगम प्रशासन ने किया कार्यमुक्त

बिहार न्यूज़ डेस्क  नगर निगम में वार्ड पार्षदों के बवाल और आक्रोश को देखते हुए बिना किसी सूचना के काम छोड़कर फरार होने वाली एजेंसी को  नगर निगम प्रशासन ने कार्यमुक्त कर दिया. नगर आयुक्त अनिल कुमार चौधरी ने वार्ड पार्षदों के आक्रोश और एजेंसी की ओर से काम में ढिलाई को देखते हुए उसे कार्य से हटाये जाने की बात कही.

नगर आयुक्त ने बोला कि एजेंसी को पूर्व में भी स्पष्टीकरण पूछा गया है. करारनामा के अनुपालन में विफल होने के कारण  से ही उसे हटाया जा रहा है. मेयर अरुण कुमार राय ने इस पर अपनी सहमति जाहिर की और बोला कि एजेंसी को बार बार दिये गये निर्देश के बाद भी सुधार नहीं हुआ और एजेंसी अपनी मनमानी करती रही. सफाई प्रबंध को बदहाल बना दिया गया. इससे आम लोगों में काफी नाराजगी है.

वहीं चैत नवरात्र के अष्टमी व  होने के बाद भी विशेष सफाई की बात कौन कहे एजेंसी काम छोड़कर ही फरार हो गयी. डिप्टी मेयर अमानुल्लाह खान ने भी शहर में  के मौके पर एजेंसी की ढिलाई को लेकर आक्रोश जाहिर किया और उसपर कड़ी कार्रवाई की मांग की. वार्ड पार्षद मनीष कुमार सिंह, आशीष कुमार झा, अनिसुर्र अंसारी, बद्री कुमार राय, कैलास सहनी, अरुण कुमार और अन्य ने बीते लगभग ढाई माह की बदहाली को लेकर काफी रोष व्यक्त किया.

क्या कहते हैं अधिकारी

नगर आयुक्त अनिल कुमार चौधरी ने कहा कि सभी पार्षदों ने एजेंसी के कार्यो के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की है. श्रमिकों को राशि इसके द्वारा नहीं दिया गया है. कार्यो के प्रति लगातार मनमानी और ढिलाई बरती गयी है. इसकारण उसे कार्यमुक्त कर दिया गया है.

तीन घंटे मेयर कक्ष में अड़े रहे पार्षद

लगभग तीन घंटे तक मेयर के कक्ष में पार्षद अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए अड़े रहे. इसदौरान सफाई की खराब सफाई प्रबंध की बात करते हुए कई पार्षद रोने लगे. इस पर पार्षद और भड़क गये. बोला कि फरवरी से प्रताप सेवा संकल्प को निगम में सफाई की जिम्मेवारी सौंपी गई थी. लेकिन यह एजेंसी अपनी ओर से कोई संसाधन मौजूद नहीं करा सकी. श्रमिकों को भी सफाई संसाधन नहीं मौजूद कराया. फरवरी का भुगतान एजेंसी को होने के बाद भी श्रमिकों को राशि नहीं दिये जाने और कटौती किये जाने से पार्षद काफी नाराज दिखे. वे एजेंसी पर प्राथमिकी दर्ज करने और काली सूची में डालने की मांग करने लगे.

ौठक में आने के बाद नगर आयुक्त ने सभी को समझाने की प्रयास की लेकिन कोई भी पार्षद बिना उसे हटाये जाने को तैयार नहीं हुए और तुरन्त कार्रवाई की मांग करने लगे. बोला यदि ऐसा नहीं हुआ तो वे सभी शहर की इस बदहाली को लेकर यहीं पर बैठे रह जायेंगे. इन्होंने डीएम के पास जाने की भी बात कही. इसके बाद एजेंसी को कार्यमुक्त करने का फैसला लिया गया. कार्यमुक्त कर दिये जाने के फैसला की घोषणा के बाद पार्षद शांत हुए.

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