वेतन ना मिलने से गुस्साए इलेक्ट्रिक बस सिटी ड्राइवर और कंडक्टरों ने किया चक्का जाम
गोरखपुर: वेतन ना मिलने से गुस्साए इलेक्ट्रिक बस सिटी ड्राइवर और कंडक्टरों ने मंगलवार को चक्का जाम कर दिया है। दोपहर से ही सिटी बस का संचालन करने वाले सभी ड्राइवर और कंडक्टर स्ट्राइक पर हैं। जो लोग इलेक्ट्रिक बस से प्रतिदिन यात्रा करते थे, उन लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सिटी बसों के ड्राइवर और कंडक्टर का इल्जाम है कि बीते चार महीने से उनके वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। इसके चलतें वो लोग भुखमरी के कगार पर आ गए हैं।
चार महीने से सेलरी ना मिलने की वजह से उन लोगों को घर के खर्च के साथ-साथ मकान का किराया और बच्चों के विद्यालय के फीस के लाले पड़े हुए हैं। इस समय उन लोगों की हालत ऐसी है कि बस पर ड्यूटी के लिए जाने के लिए किराए तक उन लोगों के पास नहीं है। ऐसे में उन लोगों को आगे काम कर पाना काफी कठिन हो गया है। उन लोगों ने वंशिका एचआर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के ड्यूटी इंचार्ज को पत्र लिख कर वेतन भुगतान करने की मांग की थी। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि विवश होकर मंगलवार को सभी ड्राइवर और कंडक्टरों ने स्ट्राइक प्रारम्भ कर दी है। इलेक्ट्रिक बस के ड्राइवर और कंडक्टर की स्ट्राइक पर चल जाने की वजह से शहर के अंदर लोगों को एक स्थान से दूसरी स्थान जाना कठिन हो गया है। शहर में आवागमन के लिए लोग ई रिक्शा और ऑटो का सहारा ले रहे हैं। जहां उन्हें अधिक किराया देना पड़ रहा है। सिटी बस सेवा से यात्रा करने वाले हजारों लोगों को मंगलवार को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हड़ताली कर्मचारियों ने कहा की 25 बसों पर 65 FCP की आवश्यकता होती है। लेकिन कंपनी ने 100 से अधिक FCP की भर्ती कर ली हैं। ऐसे में पुराने स्टाफ को ड्यूटी नहीं मिल पा रही है। उनकी ड्यूटी काटकर नए FCP को बसों में भेजा जा रहा है। बस कंडक्टर अवधेश और मुन्ना ने कहा कि डिपो में काफी दिनों से दो इलेक्ट्रिक बस खराब होकर खड़ी है। ऐसे में उनके बस कंडक्टर और ड्राइवर को एक भी दिन ड्यूटी नहीं मिल सकी है। उनका घर परिवार कैसे चलेगा इसकी चिंता किसी को नहीं है। उन्होंने कहा कि इसकी कम्पलेन हम लोगों ने कई बार कंपनी के ऑफिसरों से की लेकिन वह लोग इस पर कोई भी बात नहीं कर रहे हैं। ड्राइवर और कंडक्टरों ने इल्जाम लगाया है कि पर्याप्त स्टाफ होने के बावजूद रोज नए-नए लोगों की भर्ती की जा रही है।