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इस दिन भारतीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की

चांद के दक्षिणी ध्रुव के जिस हिस्से पर चंद्रयान-3 ने लैंडिंग की है, पीएम मोदी ने इस टचडाउन पॉइंट को ‘शिव शक्ति’ नाम दिया है साथ ही चंद्रयान-2 जहां क्रैश हुआ, उसे तिरंगा नाम दिया गया है इस नामकर से विपक्ष भड़का हुआ है और इसे भाजपा के 2024 कैंपेन टूल बता रही है इस राजनीतिक घमासान पर अब इसरो चीफ एस सोमनाथ की प्रतिक्रिया आई है इसरो चीफ ने इस मामले पर खुलकर बात की उन्होंने यह भी कहा कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के लैंडिंग साइट के नामकरण पर उनका क्या मानना है?

23 अगस्त 2023 का दिन भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के लिए ऐतिहासिक दिन है इस दिन चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने चांद के दक्षिणी हिस्से पर सॉफ्ट लैंडिंग की इस उपलब्धि के बाद हिंदुस्तान ऐसा करने वाला पहला राष्ट्र बन गया है प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 अगस्त का दिन भारतीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है साथ ही प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने लैंडिंग साइट का नाम शिव शक्ति पाइंट दिया इसके अतिरिक्त जिस स्थान पर चंद्रयान-2 क्रैश हुआ था, उसे तिरंगा नाम दिया है इस नामकरण से राष्ट्र की राजनीति गर्मा गई है

विपक्ष प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमलावर है विपक्षी नेता इस कदम को भाजपा के 2024 कैंपेन टूल बता रहे हैं कांग्रेस पार्टी नेता राशिद अल्वी का बोलना है कि चंद्रमा पर हम केवल उतरे हैं, हम चांद के मालिक नहीं जो किसी स्थान का स्वयं ही नामकर कर लें उधर, भाजपा भी पलटवरा कर चुकी है कि चांद के एक हिस्से का नाम कांग्रेस पार्टी पार्टी ने अपनी गवर्नमेंट के दौरान जवाहर  पाइंट दिया था वर्ष 2008 में चांद के जिस जगह पर चंद्रयान-1 की क्रैश लैंडिंग हुई थी, तत्कालीन कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट ने इस स्थान का नाम जवाहर पाइंट किया था

इसरो चीफ क्या बोले
इस पूरी गहमा-गहमी के बीच इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ का भी बयान सामने आया है वो कहते हैं, “पीएम ने इसका अर्थ उस ढंग से कहा जो हम सभी के लिए उपयुक्त है मुझे लगता है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है साथ ही उन्होंने इसका मतलब भी बताया देखिए, तिरंगा नाम और शिव शक्ति दोनों नाम भारतीय लगने वाले नाम हैं हम जो कर रहे हैं उसका एक महत्व होना चाहिए और राष्ट्र के प्रधान मंत्री होने के नाते यह नाम रखने का उनका विशेषाधिकार है

मंगल और शुक्र पर भी जाने की क्षमता
इससे पहले शनिवार को तिरुवंतपुरम में एक कार्यक्रम के दौरान एस सोमनाथ ने बोला था कि इसरो चंद्रमा के बाद मंगल और शुक्र जाने की भी क्षमता रखता है लेकिन हमें अपना आत्मविश्वास बढ़ाने की आवश्यकता है हमें अधिक निवेश की भी आवश्यकता है इसलिए राष्ट्र के अंतरिक्ष क्षेत्र का विकास होना चाहिए यही हमारा मिशन है

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