हापुड़ में मारपीट की घटना को लेकर एक फिर हड़ताड
यूपी के हापुड़ में हुई वकीलों की घटना की आग ठंडी नहीं पड़ रही है। वह हापुड़ में हाथापाई की घटना को लेकर एक फिर सोमवार और मंगलवार को हड़ताड पर रहेंगे। इसे लेकर बार काउंसिल की एक बैठक में निर्णय लिया गया है जिसमें तय हुआ है कि दो दिवसीय स्ट्राइक होगी।
उच्च कोर्ट द्वारा हापुड़ घटना की न्यायिक जांच के लिए छह सदस्यीय समिति गठित किए जाने के बाद बार काउंसिल ने स्ट्राइक वापस लेने का फैसला किया था, लेकिन इस निर्णय का काउंसिल के अन्य सदस्यों द्वारा भारी विरोध करने के बाद स्ट्राइक जारी रखने का फैसला लिया गया।
राज्य विधिज्ञ परिषद (बार काउंसिल) के उपाध्यक्ष अनुराग पांडेय की ओर से जारी विज्ञप्ति में बोला गया है कि प्रशासन ने बार काउंसिल और वकीलों की मांग पर ध्यान नहीं दिया है, जिस कारण हमने बैठक में सर्वसम्मति से फैसला किया कि सोमवार और मंगलवार को वकील न्यायिक कार्य नहीं करेंगे और यदि गवर्नमेंट मांग नहीं मानती है तो मंगलवार को आगे की रणनीति तय की जाएगी।
इसी तरह, इलाहाबाद में ‘हाईकोर्ट बार एसोसिएशन’ के पदाधिकारियों ने भी सोमवार को न्यायिक कार्य से अलग रहने की घोषणा की है। बार एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष आशीष कुमार मिश्र की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, जनपद कोर्ट हापुड़ में 29 अगस्त को हुई घटना में सभी पीड़ित वकीलों की प्राथमिकी दर्ज ना किए जाने के विरोध में अधिवक्ता सोमवार को न्यायिक कार्य नहीं करेंगे।
बार काउंसिल ने मुख्य जज प्रीतिंकर दिवाकर के समक्ष इस मुद्दे में तुरन्त सुनवाई करने की अर्जी दाखिल कर रखी थी। इस अर्जी पर न्यायधीश प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी की खंडपीठ ने शनिवार को सुनवाई की। इसके बाद नयी कमेटी के गठन का यह निर्णय लिया गया।
इसके पहले वकीलों की स्ट्राइक समाप्त कराने के लिए उच्च न्यायालय ने आह्वान किया था। गवर्नमेंट की ओर से गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) में पूर्व न्यायधीश को शामिल किए जाने की सहमति दी थी। इसके बावजूद बार कौंसिल संतुष्ट नहीं थी। उच्च न्यायालय ने वकीलों की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर पर शासन की ओर से गठित एसआईटी से 15 सितंबर तक रिपोर्ट तलब की है। इसी दिन नवगठित छह सदस्यीय न्यायिक कमेटी भी अलग से अपनी रिपोर्ट देगी।
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