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एपल के टेक्निकल एक्सपर्ट्स जल्द आएंगे भारत

एपल जल्द ही अपने टेक्निकल एंड साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स को हिंदुस्तान भेजेगी. यह एक्सपर्ट्स हिंदुस्तान में अमेरिका बेस्ड टेक्नोलॉजी कंपनी एपल द्वारा कई अपोजिशन पॉलिटिशियंस और जर्नलिस्ट्स को भेजे गए थ्रेट नोटिफिकेशंस की जांच करने वाले ऑफिशियल्स से मिलने के लिए हिंदुस्तान आ रहे हैं. गवर्नमेंट के दो सीनियर ऑफिशियल्स ने इस बात की जानकारी दी है.31 अक्टूबर को तृण मूल काँग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा, कांग्रेस पार्टी नेता शशि थरूर समेत विपक्षी दलों के कई लीडर्स और कुछ जर्नलिस्ट को एपल से एक नोटिफिकेशन मिला था. इसमें बोला गया था- एपल को लगता ​​​​है कि आपको स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स निशाना बनाने की प्रयास कर रहे हैं. आपकी एपल ID से जुड़े आईफोन को रिमोटली कॉम्प्रोमाइज करने यानी हैक करने की प्रयास की जा रही है.

यदि आपका डिवाइस किसी स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैक से कॉम्प्रोमाइज हुआ है, तो वो आपका सेंसिटिव डेटा, कम्युनिकेशन और कैमरा और माइक्रोफोन तक एक्सेस कर सकते हैं. यह संभव है कि यह एक फॉल्स अलार्म हो, लेकिन इस चेतावनी को गंभीरता से लें.

इस मुद्दे ने सियासी हलचल पैदा कर दी थी और विपक्ष ने गवर्नमेंट पर जासूसी का इल्जाम लगाया था. गवर्नमेंट ने इल्जाम से इनकार करते हुए जांच के आदेश दिए और एपल से स्पष्टीकरण भी मांगा है.

अब तक, हिंदुस्तान में एपल के प्रतिनिधियों ने सरकारी ऑफिसरों के साथ वार्ता की है, लेकिन कंपनी के टेक्निकल एक्सपर्ट्स विदेश में स्थित हैं. ऑफिसरों ने बोला कि एक वीजा मामला था, जिसके कारण एक्सपर्ट्स को आने में देरी हुई, लेकिन इसे सुलझा लिया गया है और उनकी विजिट जल्द होनी चाहिए.

इन्फॉर्म और असिस्ट करने के लिए थ्रेट नोटिफिकेशन
एपल की वेबसाइट के अनुसार, थ्रेट नोटिफिकेशन उन यूजर्स को इन्फॉर्म और असिस्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिन्हें स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर्स की ओर से टारगेट करने की प्रयास की गई हो. इस नोटिफिकेशन में लॉकडाउन मोड इनेबल करने समेत टेलीफोन को सिक्योर करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं इसकी भी जानकारी दी जाती है.

लॉकडाउन मोड डिवाइसेज को एक्सट्रीमली रेयर और हाइली सोफेस्टिकेटेड साइबर अटैक्स से बचाने में सहायता करता है. जब लॉकडाउन मोड इनेबल होता है, तो आपका डिवाइस उस तरह काम नहीं करेगा जैसा वह आमतौर पर करता है. अटैक को रोकने के लिए कुछ ऐप्स, वेबसाइट और फिचर्स को लिमिटेड कर दिया जाता है.

अच्छी तरह से फंडेड होते हैं स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर्स
स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर्स अच्छी तरह से फंडेड और सोफिस्टिकेटेड होते हैं. उनके अटैक समय के साथ विकसित होते हैं. ऐसे हमलों का पता लगाना थ्रेट इंटेलिजेंस सिग्नल्स पर निर्भर करता है जो अक्सर इमपरफैक्ट और इनकम्प्लीट होते हैं. यह संभव है कि कुछ नोटिफिकेशन गलत हो, लेकिन हम इस बारे में जानकारी नहीं दे सकते कि किस कारण हमें ये नोटिफिकेशन भेजना पड़ा.

अगर हम इसका कारण बता देंगे तो अटैकर्स को डिटेक्शन फीचर से बचने के लिए अपने बिहेवियर को बदलने में सहायता मिल सकती है. वहीं एपल नोटिफिकेशन वास्तविक है या नहीं यह वैरिफाई करने के लिए appleid.apple.com पर साइन इन करें. यदि Apple ने आपको कोई नोटिफिकेशन भेजा है, तो आपके साइन इन करने के बाद यह पेज के टॉप पर दिखाई देगा.

सिक्योटी के लिए तीन स्टेप्स फॉलो करें…

  • लेटेस्ट सॉफ्टवेयर में अपने डिवाइसेज को अपडेट करें, क्योंकि इसमें लेटेस्ट सिक्योरिटी फिक्सेज शामिल होते हैं.
  • डिवाइसेज को पासकोड से प्रोटेक्ट करें. एपल ID के लिए टु फैक्टर ऑथेंटिकेशन और मजबूत पासवर्ड यूज करें.
  • ऐप स्टोर से ही ऐप्स इंस्टॉल करें. अननोन सेंडर के लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक न करें. स्टॉन्ग और यूनीक पासवर्ड यूज करें.

 

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