Bihar Flood: बिहार में बाढ़ का कहर, पलायन को मजबूर ग्रामीण
Flood havoc in Bihar। मधेपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में तीसरे दिन सोमवार को भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। कोसी एवं भुतही बलान का रौद्र रूप देख क्षेत्र के लोग सहमे हुए हैं। बाढ़ से प्रभावित परिवार दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं। चापाकलों के डूब जाने से पेयजल का संकट भी गंभीर रूप ले चुका है। पशु चारा और सूखे जलावन का अभाव हो गया है। नाव नहीं मिलने के कारण बहुत सारे लोग पानी के बीच ही रहने को विवश हैं। सुरक्षित स्थानों की ओर जाने के लिए ये लोग नाव का प्रतीक्षा कर रहे हैं।
गढ़गांव, बसीपट्टी, बकुआ और भरगामा पंचायत की हालत नारकीय बनी हुई है। नाव की किल्लत रहने के कारण अधिक रुपए देकर भाड़े का ईंधन चालित नाव के सहारे ही बाढ़ पीड़ित परिवार जान माल के साथ सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं। प्रभावित परिवार पानी में पालतू पशुओं को बंधा छोड़ कर ऊंची जगहों पर शरण लिये हुए हैं। वहीं भुतही बलान की बाढ़ का पानी खरीक, नहरी जग्रनाथपुर, ललबाराही, करहारा पूर्वी, बनाही आदि गांवों में फैला हुआ है। यहां के दर्जनों परिवारों के घर आंगन में पानी घुस गया है।
दूसरी ओर कमला तटबंध के अंदर स्थित रजौर, नवटोलिया, बैद्यनाथपुर, दर्जिया में बीते रविवार की रात बाढ़ का पानी घटने लगा था। लेकिन सोमवार की सुबह बाढ़ के पानी में फिर बढ़ोतरी होने लगी है। भेजा पंचायत के ललबाराही वार्ड 2 निवासी 65 वर्षीया सीता देवी अपने झोपड़ीनुमा फूस के घर के ओसारे पर बैठी बोझिल आंखों से अपने मददगार को ढूंढ रही हैं। उनके आंगन के चारों तरफ पानी पसरा हुआ है। रहने का एकमात्र साधन झोपड़ी गिरने के कगार पर है। उनका पति विभीषण सदाय और बच्चे उन्हें छोड़कर कहीं अन्यत्र रह रहे हैं।
सीता देवी बताती हैं 20 साल पहले पति छोड़कर चला गया। करीब पांच साल पहले बच्चे। आस पड़ोस के लोग कभी कुछ दे जाते हैं तो बनाकर खा लेती हूं। सीओ पंकज कुमार सिंह ने बोला है बस्सीपट्टी उच्च विद्यालय पर सामुदायिक किचन चलाकर पांच दर्जन से अधिक विस्थापित लोगों को भोजन कराया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर नजर रखी जा रही है। ताजा स्थिति की जानकारी उच्च ऑफिसरों को समय-समय पर दी जा रही है।
बेनीपट्टी सोहरौल गांव में धौंस नदी का बढ़ा जलस्तर
बेनीपट्टी। प्रखंड क्षेत्र होकर गुजरनेवाली अधवारा समूह की अधिकतर नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी है। जिसमें धौंस नदी के जलस्तर में सोमवार को दो फुट की वृद्धि होने की बात कही जा रही है। करहारा गांव होकर गुजरने वाला धौंस नदी में ग्रामीणों द्वारा हर वर्ष बनाये जानेवाला बांस का चचरी पुल बह चुका है। लोग नाव के सहारे धौंस नदी के पार उतर रहे हैं। सोमवार को स्थिति यह हो गई है कि नदी लबालब भरने के करीब पहुंच चुकी है। ग्रामीणों ने कहा कि अब यदि नदी में दो फुट और पानी का स्तर बढ़ता है, तो नदी ओवर फ्लो होने लगेगी। गांव की ओर पानी फैलने लगेगा।
बताते चलें कि चारों दिशाओं से अधवारा समूह की नदियों से घिरा करहारा गांव टापू में परिवर्तित है। यहां के लोगों को बाढ़ की विभीषिका का सामना करना नियति सी बनकर रह गई है। बीते सालों में बाढ़ आपदा से हर वर्ष लोगों को जूझना पड़ा है। नेपाल की ओर से कभी भी पानी आकर करहारा गांव में भयंकर तबाही मचा सकता है। इन दिनों कोकराझाड़ नदी का पानी भी काफी मात्रा में आ रहा है। अधवारा समूह की सहायक नदी बछराजा, थुमहानी और खिरोई नदी के जलस्तर में भी वृद्धि जारी है। अभी बीते दो दिनों से बारिश रुकी हुई है,लेकिन जलस्तर में अब तक प्रतिदिन बढ़ोत्तरी हो रहा है।
सीतामढ़ीः खतरे के निशान से ऊपर बह रही बागमती और लालबकेया
नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं। लगातार जलवृद्धि से जिले के निचले क्षेत्र में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। हालांकि ऑफिसरों ने सभी तटबंधों को अभी सुरक्षित कहा है। पिछले चार दिनों से बागमती नदी का जलस्तर विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर है। जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय के रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को भी बागमती और लालबकेया नदी का जलस्तर कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है।
बागमती नदी का जलस्तर ढेंग में 2 सेमी, सोनाखान में 62 सेमी, डुब्बाघाट में 70 सेमी, चंदौली में 54 सेमी और कटौझा में 1.95 मीटर तो लालबेकिया नदी का जलस्तर 63 सेमी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। रिपोर्ट के अनुसार, पुपरी में अधवारा नदी के जलस्तर में वृद्धि पंजीकृत किया गया है। वहीं, अधवारा नदी का जलस्तर सुंदरपुर में घट रहा है, तो पुपरी में अभी स्थिर बना हुआ है।
तटबंध के किनारे पहुंचा कमला नदी का पानी
अंधराठाढ़ी (मधुबनी): सोमवार को सुबह फिर कमला नदी का जलस्तर बढ़ने लगा। उसका पानी उछलकर तेजी से खेतों में फैलने लगा है। तटबंध किनारे बसे लोगों की कठिनाई बढ़ने लगी है। खासकर तटबंध के भीतर बसे लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मसान नदी में डूबने से पशुपालक लापता
लौरिया (पचं)। प्रखंड के तेलपुर के नजदीक मसान नदी में डूबने से पशुपालक की मृत्यु की संभावना है। उसका मृतशरीर अभी तक नही ढूंढ़ पाया गया है। क्षेत्रीय गोताखोर लापता पशुपालक की तलाश में जुटे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक तेलपुर गांव के वार्ड संख्या 7 निवासी स्व रफीक मियां का पुत्र साबिर मियां (45) सोमवार को सुबह में गांव से पश्चिम मसान नदी के किनारे चारा लाने गया था। चारा काट कर घर लौट रहा था कि पैर फिसलने से साबिर नदी की मुख्य धारा में बह गया। तेलपुर गांव के ग्रामीण उसे बचाने का कोशिश किए, परंतु बचा नहीं सके।
ग्रामीणों ने साबिर मियां के डूबने की समाचार घर वालों को दी। उसके परिजन अन्य ग्रामीणों के साथ अपने स्तर से उसको मसान नदी में गोताखोर की सहायता से खोजने का कोशिश शुरुआत किये। घंटों मशक्कत करने के बाद भी साबिर मियां का कुछ पता नहीं चला। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी क्षेत्रीय थाना तथा सीओ को दी। अभी तक प्रशासनिक रूप से कोई कार्रवाई शुरुआत नहीं की जा सकी है। अभी भी साबिर मियां के मिलने की आशा में लोग मसान नदी के तट पर एकत्र हैं।
बेनीपट्टी सोहरौल गांव में धौंस नदी का बढ़ा जलस्तर
बेनीपट्टी। प्रखंड क्षेत्र होकर गुजरनेवाली अधवारा समूह की अधिकतर नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी है। जिसमें धौंस नदी के जलस्तर में सोमवार को दो फुट की वृद्धि होने की बात कही जा रही है। करहारा गांव होकर गुजरने वाला धौंस नदी में ग्रामीणों द्वारा हर वर्ष बनाये जानेवाला बांस का चचरी पुल बह चुका है। लोग नाव के सहारे धौंस नदी के पार उतर रहे हैं। सोमवार को स्थिति यह हो गई है कि नदी लबालब भरने के करीब पहुंच चुकी है। ग्रामीणों ने कहा कि अब यदि नदी में दो फुट और पानी का स्तर बढ़ता है, तो नदी ओवर फ्लो होने लगेगी। गांव की ओर पानी फैलने लगेगा।
बताते चलें कि चारों दिशाओं से अधवारा समूह की नदियों से घिरा करहारा गांव टापू में परिवर्तित है। यहां के लोगों को बाढ़ की विभीषिका का सामना करना नियति सी बनकर रह गई है। बीते सालों में बाढ़ आपदा से हर वर्ष लोगों को जूझना पड़ा है। नेपाल की ओर से कभी भी पानी आकर करहारा गांव में भयंकर तबाही मचा सकता है। इन दिनों कोकराझाड़ नदी का पानी भी काफी मात्रा में आ रहा है। अधवारा समूह की सहायक नदी बछराजा, थुमहानी और खिरोई नदी के जलस्तर में भी वृद्धि जारी है। अभी बीते दो दिनों से बारिश रुकी हुई है,लेकिन जलस्तर में अब तक प्रतिदिन बढ़ोत्तरी हो रहा है।