केंद्र सरकार ने राज्य को नौ खनिज ब्लॉकों का किया आवंटन,छह ब्लॉक की नीलामी करेगा केंद्र
पटना। राज्य में पाये गये खनिज पदार्थों के नौ ब्लॉक में से तीन ब्लॉक से खनन के लिए टेंडर के माध्यम से खनन एजेंसी के चयन की प्रक्रिया जल्द प्रारम्भ होगी। इसमें जमुई, रोहतास, गया और जहानाबाद जिले में ब्लॉक हैं। इन सभी से अगले वर्ष तक खनन प्रारम्भ होने की आसार है। अन्य छह ब्लॉक की नीलामी केंद्र गवर्नमेंट करेगी। अभी सभी नौ ब्लॉक की स्थल निरीक्षण रिपोर्ट खनिज विकास पदाधिकारियों से खान एवं भूतत्व विभाग के निदेशक नैय्यर इकबाल ने मांगी है। इसका मकसद खदान वाले क्षेत्र में रिहायशी क्षेत्रों सहित तालाब, नदी या फॉरेस्ट एरिया की जानकारी जुटाना है।
केंद्र गवर्नमेंट ने राज्य को नौ खनिज ब्लॉकों का आवंटन किया
सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनों केंद्र गवर्नमेंट ने राज्य को नौ खनिज ब्लॉकों का आवंटन किया था। साथ ही खनिजों के आवंटित नौ ब्लॉकों में से तीन की नीलामी के लिए राज्य गवर्नमेंट को अधिकृत कर दिया था। इसके अनुसार जमुई के माजोस में मैग्नेटाइट (लौह अयस्क) खनिज की मात्रा करीब 48.40 मीट्रिक टन है। इसकी अनुमानित मूल्य करीब 5808 करोड़ रुपये है। रोहतास के भोरा कठरा ब्लाॅक में लाइम स्टोन करीब 39.68 मिलियन टन है। साथ ही गया में पातालगंगा और जहानाबाद जिले के सपनेरी गांव के आसपास स्थित वैनेडियम युक्त मैग्नेटाइट की मात्रा करीब 0.25 मिलियन टन है। इन सभी ब्लाॅक की नीलामी के लिए राज्य गवर्नमेंट को अधिकृत किया गया है।
छह ब्लॉक की नीलामी करेगा केंद्र
इसके साथ ही राज्य के अन्य छह खनिज ब्लॉक की नीलामी केंद्र गवर्नमेंट करेगी। इसके अनुसार रोहतास में पीपराडीहा भूरवा की ग्लूकोनाइट, रोहतास में चुटिया नौहट्टा की चूना पत्थर ब्लाक, कैमूर में पोटाश के ब्लाक और मुंगेर में बाक्साइट सहित विरल मृदा धातु के ब्लाक शामिल हैं। इस टेंडर प्रक्रिया के बाद बिहार में ग्लूकोनाइट (पोटाश), क्रोमियम, निकेल सहित प्लैटिनम ग्रुप ऑफ एलिमेंट, मैग्नेटाइट (आयरन), बॉक्साइट और दुर्लभ मृदा धातुओं का खनन प्रारम्भ होगा। इसके लिए केंद्रीय खान एवं कोयला मंत्रालय ने इसी साल खनन के लिए सात ब्लॉक का आवंटन राज्य गवर्नमेंट को किया था। इन सभी में खनन की स्वीकृति का प्रस्ताव खान एवं भूतत्व विभाग की तरफ से राज्य मंत्रिपरिषद से पास हो चुका है। इसमें खनिज तत्वों से राज्य गवर्नमेंट और खनन एजेंसी को होने वाले आय के संबंध में भी गाइड लाइन तय होगा। राज्य मंत्रिपरिषद की स्वीकृति के बाद खदानों की नीलामी प्रक्रिया प्रारम्भ हो गयी है। इसमें रोहतास, गया, औरंगाबाद और जमुई शामिल हैं। गवर्नमेंट इसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए ‘एसबीआई कैप्स’ की सेवा ले रही है।
रोहतास में 25 वर्ग किमी में ग्लूकोनाइट मिला
सूत्रों के मुताबिक खान एवं भूतत्व विभाग ने एसबीआई कैप्स- निवेश बैंक और परियोजना सलाहकार से एक विस्तृत रिपोर्ट की मांग की थी। रिपोर्ट आने के बाद राज्य गवर्नमेंट सभी जिलों में करीब 20 हजार करोड़ रुपये के ग्लूकोनाइट और लौह अयस्क के भंडार को पट्टे के आधार पर खनन की अनुमति देने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जा रही है। इससे पहले सर्वे में रोहतास जिले में करीब 25 वर्ग किमी क्षेत्र में ग्लूकोनाइट मिला था। इसमें जिले के नावाडीह प्रखंड में 10 वर्ग किमी, टीपा में आठ किमी और शाहपुर प्रखंड में सात किमी का क्षेत्र शामिल है। इसके साथ ही गया और औरंगाबाद जिले की सीमा पर मदनपुर प्रखंड के डेंजना और आसपास के इलाकों में करीब आठ वर्ग किमी क्षेत्र में निकेल और क्रोमियम पाया गया है।
इन उद्योगों की लगने की संभावना
जानकारों के मुताबिक ग्लूकोनाइट (पोटाश) का बड़े पैमाने पर औषधि और रासायनिक खाद में इस्तेमाल होता है। निकेल का इस्तेमाल लोहे और अन्य धातुओं पर परत चढ़ाकर उन्हें जंग लगने से बचाने के लिए किया जाता है। यह एक लौह चुम्बकत्व रखने वाला तत्व है और इससे बने चुम्बक कई उद्योगों में इस्तेमाल होते हैं। इसके अतिरिक्त निकेल को इस्पात में मिलाकर उसे ‘स्टेनलेस’ (जंग-रोधक) बनाया जाता है, जबकि क्रोमियम का इस्तेमाल मिश्रधातु बनाने में किया जाता है। स्टील को अधिक सख्त बनाने, चर्मशोधन में यह काम आता है। मानव शरीर में ग्लूकोज को नियंत्रित करने में भी यह कारगर है। शीशे को हरा रंग देने, क्रोम प्लेटिंग समेत अन्य कार्यों में यह कारगर है। इसका इस्तेमाल ऑयल उद्योग में उत्प्रेरक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और जंग अवरोधक के रूप में किया जाता है।