केंद्र सरकार द्वारा बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध को हटाने की मांग जारी
मुख्यमंत्री ने बोला कि कड़ी मेहनत करने वाले किसान पहले ही कृषि लागतों की बढ़ती मूल्य और कम एमएसपी के कारण चौराहे पर हैं। पंजाब राष्ट्र में सबसे अधिक बासमती चावल पैदा करता है। केंद्र के निर्णय से किसानों के हितों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। एक तरफ राज्य गवर्नमेंट किसानों को मूंग, बासमती और अन्य वैकल्पिक फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करके फसल विविधीकरण के लिए ठोस कोशिश कर रही है, दूसरी तरफ केंद्र गवर्नमेंट के ऐसे कदमों से उसे बड़ा झटका लग रहा है।
मुख्यमंत्री ने बोला कि यह फैसला किसान और राज्य विरोधी है। राज्य गवर्नमेंट इस कदम का विरोध करेगी। इन प्रतिबंधों के मद्देनजर गवर्नमेंट बासमती की फसल केरल, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों को बेचने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री मान ने बोला कि किसानों ने राष्ट्र को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में अग्रणी किरदार निभाई है। लेकिन, केंद्र गवर्नमेंट के ऐसे सख्त कदम उनके हितों के विरुद्ध हैं। मुख्यमंत्री ने अपने विरोधियों को निशाना बनाने के लिए ग्रामीण विकास निधि (आरडीएफ) को रोकने के लिए केंद्र गवर्नमेंट की भी निंदा की।
सीएम ने बोला कि इस तथ्य के बावजूद कि राज्य ने पिछली सरकारों द्वारा की गई सभी अस्पष्टताओं को दूर कर दिया है, केंद्र ने अभी तक धन जारी नहीं किया है। मुख्यमंत्री मान ने बोला कि उन्होंने स्वयं केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात की थी। सिंह ने उन्हें आश्वासन दिया था कि ये रकम जल्द ही जारी की जाएगी, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ और केंद्र गवर्नमेंट ने 3,622 करोड़ रुपये से अधिक के आरडीएफ को रोक दिया है।
सीएम ने बोला कि धान की पराली जलाने की परेशानी से निपटने के लिए राज्य गवर्नमेंट ने किसानों को 2,500 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने का विचार किया है। उन्होंने बोला कि इन 2,500 रुपये में से 1,500 रुपये केंद्र गवर्नमेंट और 1,000 रुपये राज्य गवर्नमेंट द्वारा दिए जाने थे। हालांकि, मुख्यमंत्री मान ने बोला कि केंद्र गवर्नमेंट ने इस मांग पर सहमति जताने के बजाय बिना किसी तर्क के इसे खारिज कर दिया।