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राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खोल ली है झूठी गारंटियों की दुकान – नारायण पंचारिया

जयपुर बीजेपी चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया ने बोला कि राष्ट्र में राहुल गांधी जहां मोहब्बत की झूठी दुकान लगाकर घूम रहे है वहीं उनकी तर्ज पर राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत ने झूठी गारंटियों की दुकान खोल ली है सीएम अशोक गहलोत और उनकी गवर्नमेंट के मंत्री यदि पांच सालों तक आम जनता की भलाई के लिए कार्य करते तो आज उन्हेंं यूं झूठी गारंटी देने की आवश्यकता नहीं पडती लेकिन सत्ता के अहंकार में चूर गहलोत ने अपना पूरा कार्यकाल कुर्सी बचाने में ही बिता दिया अब चुनावों में जब जनता के सामने कामकाज का हिसाब देने की बारी आई तो वे इन झूठी गारंटियों की दुकान लगाकर बैठ गए है

भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया ने बोला कि सीएम को ये झूठी गारंटी देने से जनता के बीच अपने चुनाव घोषणा पत्र मेंं किए गए वादोंं का हिसाब भी देना होगा अभी वे सरकारी कॉलेजों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को लैपटॉप देने की गारंटी दे रहे हैं लेकिन वे यह तो बता दें कि इस साल फरवरी में पेश किए गए बजट के दौरान उन्होंने जिस—जिस वर्ग को लैपटॉप, टेबलेट देने की घोषणा की थी उसका क्या हुआ चुनावी फायदा के लिए आचार संहिता लागू होने से एक ​दिन पहले पत्रकारों को लेपटॉप देने के आदेश जारी किए लेकिन राज्य में एक भी पत्रकार को लेपटॉप नहीं मिल पाया

भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया ने बोला कि गोवंश पालकों से गोबर खरीदने की गारंटी दे रहे हैं लेकिन यह नहीं बताते कि लंपी के दौरान जिन पशुपालकों ने गवर्नमेंट की ढिलाई के कारण अपना पशुधन खोया उनमें से कितने पशुपालकों को मुआवजा दिया गया है गवर्नमेंट ने लंपी से प्रभावित 20 प्रतिशत पशुपालकों को भी मुआवजा नहीं दिया है वहीं हर विद्यार्थी को अंग्रेजी शिक्षा की गारंटी देने वाले गहलोत नहीं जानते की हमारी शिक्षा प्रबंध में 12वीं कक्षा तक अंग्रेजी जरूरी विषय है कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट ने अब तक जो अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय खोले हैं उनका हश्र देखने के बाद भी नयी गारंटी देनी चाहिए थी इन अंग्रेजी विद्यालयों में अध्यापक ही नहीं है फिर पढाई कैसे होगी

भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया ने बोला कि यहीं हाल ओपीएस का है, गहलोत ने चुनावी फायदा लेने के लिए ओपीएस तो लागू कर दी लेकिन इसका फायदा किसी कर्मचारी को नहीं मिल पा रहा है गवर्नमेंट की पोस्टर वीमेन बनी राजकुमारी जैन को सेवानिवृत्ति के बाद 13 हजार 500 रूपए पेंशन स्वीकृत की गई है जबकि उनकी मासिक सैलरी 70 हजार रूपए थी अब चुनाव देखकर जनता के बीच जाने के डर से बौखलाएं सीएम गहलोत इन झूठी गारंटियों के माध्यम से सत्ता वापसी का सपना देख रहे हैंं जबकि राज्य की जनता पहले ही कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट की विदाई तय कर चुकी है अब तो सीएम को सम्माजनक विदाई के संघर्ष करना चाहिए ताकि वे अपनी पार्टी के आलाकमान को अपना चेहरा दिखा सकें

 

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