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सीएम शिवराज ने आज इंदौर में ‘सद्बुद्धि यज्ञ’ का किया आयोजन

इंदौर: मध्य प्रदेश में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसको लेकर राज्य में राजनीति चरम पर चल रही है पक्ष-विपक्ष दोनों में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चालु है इस क्रम में अब कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए आज इंदौर में ‘सद्बुद्धि यज्ञ’ का आयोजन किया किया, इस दौरान हनुमान चालीसा का पाठ कर गवर्नमेंट का विरोध करने का भी कार्यक्रम था इस सद्बुद्धि यज्ञ में कांग्रेस पार्टी के लगभग 50 कार्यकर्ता पहुंचे लेकिन, इनमे से महज 5 कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं ने ही हनुमान चालीसा का पाठ किया एक और दिलचस्प बात ये रही कि, कार्यक्रम में क्षेत्र के पार्षद और विधायक टिकट का दावेदारी करने वाले प्रत्याशी भी दिखाई नहीं दिए

दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज द्वारा छिंदवाड़ा के सिमरिया में हनुमान मंदिर निर्माण को लेकर दिए गए एक बयान पर कांग्रेस पार्टी ने भिन्न-भिन्न स्थान सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन किया है इसी कड़ी में इंदौर के परदेसी पुरा क्षेत्र स्थित हनुमान मंदिर में कांग्रेसी जमा हुए थे और हनुमान जी का पाठ कर सद्बुद्धि यज्ञ भी किया गया, मगर सद्बुद्धि हवन में मात्र पांच ही कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता हनुमान चालीसा का पाठ करते नजर आए बाकी गुमसुम चुपचाप बैठे वीडियो में नज़र आए बता दें कि, मुख्यमंत्री शिवराज से एक साक्षात्कार में पूछा गया कि ”कमलनाथ कहते हैं कि छिंदवाड़ा में हनुमान जी की प्रतिमा का निर्माण उन्होंने कराया था, तो इसके उत्तर में मुख्यमंत्री शिवराज ने बोला कि वो मूर्ति वहां कई साल पहले से उपस्थित है अब यदि कमलनाथ कह दें कि लाल किला और कुतुबमीनार भी मैंने बनाया, तो मैं क्या ही कह सकता हूं” शिवराज के इसी बयान को कांग्रेस पार्टी हनुमान जी का अपमान बताते हुए सद्बुद्धि यज्ञ कर रही है

हालाँकि, इंदौर कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी भी देखने को मिली है, जिस क्षेत्र में हनुमान चालीसा का पाठ रखा गया है, वह इंदौर के क्षेत्र क्रमांक 2 में स्थित हनुमान मंदिर है जहां से दावेदारी कर रहे पार्षद चिंटू चौकसे स्वयं ही आयोजन से गायब रहे कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं का यहां तक बोलना रहा है उन्हें इस आयोजन के बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी वहीं, कांग्रेस पार्टी शहर अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा का इस संबंध में बोलना है कि वह स्वयं ही आयोजन में समय पर नहीं पहुंचे थे देरी से आने की वजह से उन्हें नहीं पता की कितने लोगों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया और कितनों ने नहीं

 

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