विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस में टक्कर
भाजपा और कांग्रेस पार्टी दोनों पार्टियों के दावे को छोड़ दें तो 2023 में गवर्नमेंट कौन बनाएगा ये तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन 2008 और 2018 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी बीजेपी मजबूत दिखाई पड़ती है। वहीं, 2003 और 2013 के चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी को बुरी तरह हराकर गवर्नमेंट बनाई। 2003 से कांग्रेस पार्टी बीजेपी को प्रदेश में करारी हार तो दूर पूर्ण बहुमत की गवर्नमेंट बनाने के लिए महत्वपूर्ण सीटें भी नहीं जीत पाई। आइए, पिछले चार चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालते हैं…।
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- विधानसभा चुनाव 2003 : भाजपा ने 120 सीटें जीतकर कांग्रेस पार्टी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया। चुनाव में बीजेपी को 39.20% वोट मिले। वहीं, कांग्रेस पार्टी 56 सीटों पर सिमटकर रह गई थी।
- विधानसभा चुनाव 2008: कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश में 96 सीटें जीतकर गवर्नमेंट बनाई। इस चुनाव में पार्टी का वोट फीसदी 36.82 प्रतिशत रहा। वहीं, गवर्नमेंट बनाने में असफल रही बीजेपी ने 78 सीटों पर जीत दर्ज की।
- विधानसभा चुनाव 2013: बीजेपी ने प्रदेश की 200 में से 163 सीटें जीतकर सबसे बड़ी जीत दर्ज की। मोदी लहर में पार्टी को 46.05 प्रतिशत वोट मिले। वहीं, कांग्रेस पार्टी 21 सीटों पर सिमट कर रह गई।
- विधानसभा चुनाव 2018: कांग्रेस पार्टी ने 99 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की, लेकिन पूर्ण बहुतम का आंकड़ा नहीं जुटा पाई। इस चुनाव में पार्टी का वोट फीसदी 39.3 प्रतिशत रहा। वहीं, बीजेपी को 73 सीटें मिलीं।
अब जानिए 2023 के चुनाव को लेकर पार्टियों के दावे
प्रदेश की सत्ता में बैठे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी पार्टी के अनेक बड़े नेता बार-बार गवर्नमेंट के रिपीट होने का दावा कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी नेताओं का बोलना है कि इस बार राजस्थान में इतिहास बनेगा। एक-एक बार गवर्नमेंट बनाने की परिपाटी समाप्त होगी और कांग्रेस पार्टी फिर सत्ता में आएगी। इस दावे के पीछे कांग्रेस पार्टी नेता गहलोत गवर्नमेंट द्वारा चलाईं जा रहीं जनकल्याणकारी योजनाओं और नीतियों का हवाला दे रहे हैं।
इधर, विपक्ष में बैठी बीजेपी भी गवर्नमेंट बनाने की दावा कर रही है। बीजेपी नेताओं का बोलना है प्रदेश की जनता ने कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट की विदाई का मन बना लिया है। इस गवर्नमेंट में क्राइम बढ़े हैं, स्त्रियों पर अत्याचार हो रहा है, बलात्कार में प्रदेश नंबर वन बन गया है। दलितों के साथ अत्याचार की खबरें आए दिन सामने आती हैं। प्रदेश की कानून प्रबंध चरमरा गई है। इसके अतिरिक्त बीजेपी नेता केंद्र की मोदी गवर्नमेंट की नीतियों और जनकल्याणकारी योजनाओं को भी पार्टी की जीत का आधार बता रहे हैं।