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बाड़मेर में स्थित वांकल विरात्रा धाम में नवरात्र के चौथे दिन श्रद्धालुओं का हुजूम मिला देखने को…

बाड़मेर बाड़मेर जिले में स्थित वांकल विरात्रा धाम में शारदीय नवरात्र के चौथे दिन श्रद्धालुओं का हुजूम देखने को मिला है यहां पर हर वर्ष शारदीय नवरात्र में राष्ट्र के कई हिस्सों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपनी इच्छा लेकर पहुंचते हैं जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर रेतीले धोरों और पहाड़ियों से घिरे इस मंदिर में नवरात्रि के दिनों में मेले जैसा माहौल रहता है मंदिर में घट स्थापना करने वाले पंडित के मुताबिक शारदीय नवरात्र के इस मौके पर विरात्रा की वांकल माता मंदिर का विशेष महत्व है इस मंदिर की मूर्ति इतनी विलक्षण है कि इसके दर्शन मात्र से मन के सभी बुरे विकार दूर हो जाते हैं और आदमी के शरीर में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है

विरात्रा धाम की स्थापना वीर विक्रमादित्य द्वितीय के द्वारा करीब 2 हजार साल पहले की गई थी क्षेत्रीय जानकारों के अनुसार जब वीर विक्रमादित्य ने आक्रांताओं का खात्मा कर बलूचिस्तान स्थित शक्तिपीठ हिंगलाज माता की पूजा- अर्चना की तो माता ने प्रसन्न होकर उन्हें यशस्वी होने वरदान दिया था उसके बाद विरात्रा धाम की स्थापना की गई थी

विक्रमादित्य ने मांगा था साथ चलने का वरदान
इतिहासकारों के मुताबिक विक्रमादित्य ने हिंगलाज माता से वरदान मांगा था कि मैं हमेशा आपके दर्शन करना चाहता हूं उन्होंने जब मां से उज्जैन चलने के लिए आग्रह किया तो हिंगलाज देवी ने उनके साथ मूर्ति रूप में चलने का वादा किया इसके साथ ही विक्रमादित्य से वचन लिया कि रास्ते में पीछे मुड़कर मत देखना लेकिन माता की मूर्ति लाते समय विक्रमादित्य पूछे मुड़ गए और तभी आकाशवाणी हुई कि आपसे गलती हो गई इसके बाद राजा ने चोटी पर ही मूर्ति को स्थापित कर दिया वहीं रात्रि आराम के कारण इस स्थान का नाम विरात्रा पड़ा और यह मंदिर वांकल माता के नाम से मशहूर हो गया

मंदिर के ऊपर से नहीं उड़ते हैं कौवे
विरात्रा धाम मंदिर ट्रस्ट के सचिव भैरसिंह सोढ़ा ने कहा कि कौवों को श्राप लगने के कारण एक भी कौआ इस मंदिर के ऊपर से उड़ता हुआ दिखाई नहीं देता है इसके पीछे जो कहानी बताई जाती है उसके अनुसार मंदिर में दर्शनों के लिए आई एक स्त्री का प्रसाद कौवे ने झूठा कर दिया था उसके बाद उस स्त्री की पहाड़ी से गिरने के कारण मृत्यु हो गई थी तभी से यहं पर कौवे उड़ते हुए दिखाई नहीं देते हैं

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