एशिया में सबसे अधिक ऊंचाई वाले फुटबॉल टूर्नामेंट के फाइनल में डीएफसी टीम ने तिब्बत को 6-0 से हराया
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चंडीगढ़. लेह में खेले गए क्लाइमेट कप में टीम डीएफसी विजेता बनकर उभरी और अपने बहुत बढ़िया खेल की बदौलत क्लाइमेट कप का खिताब हासिल किया. एशिया में सबसे अधिक ऊंचाई वाले फुटबॉल टूर्नामेंट के फाइनल में टीम ने तिब्बत को 6-0 से हराया. मैच की आरंभ एक कार्यक्रम से हुई, जहां भारतीय फुटबॉल की महान शख़्सियत बाइचुंग भूटिया, एआईएफएफ महासचिव शाजी प्रभाकरन, एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे और लेह के माननीय गवर्नर ब्रिगेडियर(डॉ.) बी.डी. मिश्रा जैसे सभी प्रमुख के रूप में मौजूद थे. टूर्नामेंट में टीम ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में फुटबॉल की अविश्वसनीय क्षमता का प्रदर्शन किया.
मुश्किल परिस्थितियों के बावजूद डीएफसी ने 3 मैचों में 3 जीत के साथ रिकॉर्ड कायम करते हुए अंक तालिका में शीर्ष जगह पर स्थान बनाई. यह टूर्नामेंट टीम की सच्ची परीक्षा साबित हुई और उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों का सामना करते हुए जीत दर्ज की.
टूर्नामेंट में डीएफसी ने पहला मैच तिब्बत की नेशनल टीम के विरुद्ध खेला और 4-2 से जीत दर्ज की. दूसरे मैच में टीम का सामना 1 एफसी लद्दाख के साथ था और यहां पर डीएफसी को 2-1 से कामयाबी मिली. तीसरे मैच में उन्होंने यूटी लद्दाख को 10-0 के विशाल अंतर से हराकर अपना दबदबा कायम रखा और एक भी मैच टीम ने गंवाया नहीं.
फाइनल में डीएफसी का सामना फिर से तिब्बती नेशनल टीम से हुआ. विजेता के तौर पर खेल रही टीम ने कड़ा मुकाबला किया और आकाश ने 36वें मिनट में टीम को पहली कामयाबी दिलाई. इसके बाद 46 वें मिनट में तरुण ने बढ़त दोगुनी की. पहले हाफ का समाप्ति इंजरी टाइम में सेल्फ गोल से हुआ. इसने डीएफसी को 3-0 की अहम बढ़त दिला दी.
दूसरे हाफ में जोरदार संघर्ष देखने को मिला, लेकिन डीएफसी ने आक्रमण जारी रखा. 50वें मिनट में हिमांशु जांगड़ा ने गोल करके टीम की बढ़त 4-0 की और हरियाता ने 74वें मिनट में गोल दागते हुए स्कोर 5-0 कर दिया. डीएफसी लगातार गोल का कोशिश कर रही थी और 93वें मिनट में जांगड़ा ने दूसरा गोल करके टीम को 6-0 से आगे कर दिया. अंत तक यही स्कोर रहा और डीएफसी ने क्लाइमेट कप के चैम्पियन के तौर पर नाम दर्ज करा दिया.
पूरे टूर्नामेंट में हिमांशु जांगड़ा के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने उन्हें मैन ऑफ द मैच का खिताब दिलाया, जिन्होंने पांच गोल किए. एशिया के सर्वोच्च फुटबॉल टूर्नामेंट में डीएफसी की जीत चुनौतियों पर विजय पाने वाली रही. क्लाइमेट कप में उनकी जीत भारतीय फुटबॉल के लिए एक गौरवशाली क्षण है और ऐसी उपलब्धि है जिसका उत्सव आने वाले सालों तक मनाया जाएगा.