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डॉ सिकंदर ने कहा कि केंद्र सरकार मददगार, प्रदेश की कांग्रेस सरकार गैर जिम्मेदार

भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं राज्य सभा सांसद सिकंद्र कुमार ने बोला की केंद्र गवर्नमेंट ने हिमाचल प्रदेश के लिए किसी भी प्रकार की कमी नहीं रखी है, पर अफसोस से बात यह है की प्रदेश की गवर्नमेंट केंद्र से दिए जाने वाले ग्रांट का सदुपयोग नहीं कर पा रही है

आपदा की घड़ी में राजनीति करने वाली कांग्रेस पार्टी सिर्फ़ मात्र दोषारोपण का खेल, खेल रही है केंद्रीय राशि के वितरण में भाई भतीजावाद, बंदरबांट और करप्शन हो रहा है कांग्रेस पार्टी के इस रवैया से हिमाचल की जनता परेशान, त्रस्त है

उन्होंने बोला की जहां प्रदेश में आपदा के समय लोगों के घर और जमीने नष्ट हो गई है, वहीं केंद्र गवर्नमेंट ने पीएम ग्रामीण आवास योजना के अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रभावित पात्रों के लिए 6500 घरों के निर्माण की मंज़ूरी दी, पर इन लोगों के लिए जमीन मौजूद करवाना प्रदेश गवर्नमेंट का दायित्व है, जिस पर वह काम नहीं कर रहे है

उन्होंने बोला कि केंद्र गवर्नमेंट ने राहत राशि के रूप में हिमाचल प्रदेश को 850 करोड़ से अधिक की राशि मौजूद करवाई है, वहीं नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इण्डिया के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 450 करोड़ स्वीकृत करवाए यही नहीं हिमाचल प्रदेश में सड़कों और फूलों के निर्माण का खर्च केंद्र गवर्नमेंट वहन करेगी जिसका खर्च लगभग 9000 करोड रुपए होगा

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के भीतर केंद्र गवर्नमेंट ने 2700 करोड रुपए की राशि स्वीकृत की है इससे प्रदेश की छोटी-छोटी सड़कों को बनाया भी जाएगा और मरम्मत भी की जाएगी

उन्होंने बोला कि हिमाचल प्रदेश में विभिन्न केंद्र योजनाओं के भीतर करोड़ों रुपए के हिसाब से पैसा भेजा जा रहा है ,जिसकी तुलना आपदा से नहीं की जा सकती इसका लाभ भी हिमाचल प्रदेश को हो रहा है जैसे तेज बहाव और भू-स्खलन की भेंट चढ़ी सड़कों की मरम्मत को सेंट्रल रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (सीआरआईएफ) पहुंचना प्रारम्भ हो गया है सीआरआईएफ में राहत की दृष्टि से सड़कों के रखरखाव पर 101 करोड़ 82 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे यह भी केंद्र गवर्नमेंट द्वारा प्रदेश को बड़ी राहत है

उन्होंने बोला की इस दौरान एनडीआरएफ ने करीब एनडीआरएफ ने इस साल आपदाओं से निपटने के लिए करीब 50 ऑपरेशन चलाए, जिसमें 1500 से अधिक लोगों को बचाया गया, जबकि 5000 से अधिक लोगों को सुरक्षित किया गया और लगभग 30 डेड बॉडीज निकाली गईं प्रदेश में करीब इस प्रकार की 18 टीमें हैं, जिनमें इंस्पेक्टर स्तर का अधिकारी इंचार्ज होता है और ये टीमें प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर तैनात हैं प्रत्येक टीम में लगभग 47 प्रशिक्षित जवान तैनात होते हैं, जिनमें करीब 30 जवान हर समय तैनात रहते हैं

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