बेरुखी के चलते सैकड़ों परिवारों के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा
रामगढ़, जैसलमेर: जैसलमेर जिले के सबसे बड़े उपक्रम आरएसएमएम में लाईम स्टोन की ढुलाई में लगे ट्रकों के पहिए बीते 24 दिनों से थमे हुए है। गरीब ट्रक मालिक बेबसी के आंसू रो रहे हैं। ठेकेदार की हठधर्मिता, जिला प्रशासन की मिली भगत और जनप्रतिनिधियों की बेरुखी के चलते सैकड़ों परिवारों के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
कम्पनियां और ठेकेदार जम कर लाभ उठा रहे
जिले में आ रही बाहरी कम्पनियां क्षेत्रीय का अधिकार छीन कर उन्हें बेरोजगार करने पर तुली हुई हैं। जिले भर में बाहरी कम्पनियों और ठेकेदारों के विरुद्ध आए दिन धरना प्रदर्शन और हड़तालें होती रहती है लेकिन जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस ओर एकदम ही ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिससे क्षेत्रीय लोगों में असंतोष पनप रहा है। बाहरी कम्पनियां और ठेकेदार कुछ क्षेत्रीय लोगों को लालच देकर क्षेत्रीय लोगों के विरुद्ध खड़ा कर देते है और इस आपसी जंग का बाहरी कम्पनियां और ठेकेदार जम कर लाभ उठा रहे हैं।
आरएसएमएम से लाईम स्टोन की ढुलाई दरें बढ़ाने की मांग को लेकर ट्रक यूनियन का धरना पिछले 24 दिनों से जारी है और लाईम स्टोन की ढुलाई पूरी तरह से बंद है। आज ठेकेदार के तीन ट्रक आरएसएमएम जा रहे थे। जिन्हें ट्रक मालिकों ने धरना स्थल के पास रुकवा दिया। मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन ने ट्रक मालिकों से ठेकेदार के ट्रकों को आरएसएमएम में जाने की समझाइश की। जिस पर ठेकेदार के ट्रकों को इस शर्त पर जाने दिया कि ट्रक भरकर रवाना नहीं होंगे।
ट्रक मालिकों ने खुली चेतावनी दी कि यदि ठेकेदार और पुलिस प्रशासन मिलकर ट्रकों को रवाना करते है तो किसी बड़ी अनहोनी होने की संभावना से नकारा नहीं जा सकता। ऐसे में यहां का माहौल एक बार फिर से खराब होने की संभावना गहरा गई है। शायद जिले के जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन बड़ी घटना होने का प्रतीक्षा कर रहे हैं। ट्रक मालिक पूर्व में ही खुली चेतावनी दे चुके है कि ठेकेदार यदि यूं ही अड़ा रहा तो जान माल का हानि हो सकता है। ट्रक मालिक ढुलाई रेट बढ़ाने की मांग कर रहे है वहीं ठेकेदार चलते दर से भी पांच रुपए प्रतिटन कम देने पर अड़ा हुआ है।