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आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने चीन को नक्शा विवाद मामले पर दिया सख्त संदेश

इंडोनेशिया के आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने चीन को नक्शा टकराव मुद्दे पर कठोर संदेश देने का कोशिश किया उन्होंने आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में सदस्यों से बोला कि 21वीं सदी एशिया की सदी है और यह हमारी सदी है इसके लिए नियम-आधारित पोस्ट-कोविड विश्व प्रबंध के निर्माण और मानव कल्याण के लिए सभी के कोशिश की जरूरत है” साथ ही चीन को संदेश देने के इरादे से बोला कि सभी की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को सुनिश्चित करना हम सभी का कर्तव्य है इसके लिए सभी को संयुक्त कोशिश करने होंगे

उनका यह बयान विशेष रूप से चीन द्वारा अपने मानचित्र के नवीनतम संस्करण में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन जैसे हिंदुस्तान के अभिन्न क्षेत्रों को शामिल करके नयी दिल्ली को नाराज करने के एक हफ्ते से अधिक समय बाद आया है चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय की वेबसाइट और राज्य समाचार प्रकाशन, ग्लोबल टाइम्स के सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर जारी तथाकथित मानक मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन क्षेत्र, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर सहित विवादित क्षेत्र उनके क्षेत्र के अंतर्गतशामिल किए गए थे  उल्लेखनीय है कि चीन का दावा है कि अरुणाचल प्रदेश तिब्बत क्षेत्र का हिस्सा है

आतंकवाद और साइबर अपराध से लेकर अन्य मुद्दों पर कही ये बात

आसियान कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12-सूत्रीय प्रस्ताव दिए, जहां उन्होंने आतंकवाद, आतंकवादी वित्तपोषण और साइबर-दुष्प्रचार से सामूहिक रूप से लड़ने की तुरन्त जरूरत पर बल दिया इसके अतिरिक्त उन्होंने उन मुद्दों को भी उठाया जिनका सामना ग्लोबल साउथ को बहुपक्षीय मंचों पर करना पड़ा है प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “वैश्विक नियमों का पूरी तरह से पालन करना जरूरी है और सभी राष्ट्रों की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए सभी की जिम्मेदारी और संयुक्त तरीका भी जरूरी हैंपीएम मोदी ने बोला कि जैसा कि मैंने पहले भी बोला है- आज का युग युद्ध का नहीं है वार्ता और कूटनीति ही निवारण का एकमात्र रास्ता है” उन्होंने कहा, “हमारा इतिहास और भूगोल हिंदुस्तान और आसियान को जोड़ता है साझा मूल्यों के साथ-साथ क्षेत्रीय एकता, शांति, समृद्धि और बहुध्रुवीय दुनिया में साझा विश्वास भी हमें एक साथ बांधता है

नए मानचित्र पर अडिग चीन

चीन के विदेश मंत्रालय ने बोला है कि वह नए मानचित्र के मामले पर पीछे नहीं हटेगा साथ ही बोला कि राष्ट्रों को हाल ही में जारी मानचित्र की निष्पक्षता को देखने की आवश्यकता है उल्लेखनीय है कि चीन ने दावा किया है कि उसने अपने नागरिकों को अपनी सीमाओं के बारे में सतर्क करने के लिए नया नक्शा जारी किया है “दक्षिण चीन सागर पर चीन की स्थिति सुसंगत और साफ है चीन के सक्षम अधिकारी नियमित रूप से हर वर्ष विभिन्न प्रकार के मानक मानचित्र प्रकाशित करते हैं, जिसका उद्देश्य समाज के सभी क्षेत्रों के लिए मानक मानचित्र मौजूद कराना और मानचित्रों के मानकीकृत इस्तेमाल के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना है विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने गुरुवार को एक प्रश्न के उत्तर में कहा, “हमें आशा है कि संबंधित पक्ष इसे वस्तुनिष्ठ और तर्कसंगत नजरिए से देख देखेंगे

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