ईडी ने रांची जेल के सुपरिंटेंडेंट सहित तीन जेल अफसरों को पूछताछ के लिए भेजा समन
रांची। ईडी ने रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल कारावास के सुपरिंटेंडेंट हामिद अख्तर, जेलर नसीम खान और बड़ा बाबू को पूछताछ के लिए समन भेजा है। इन सभी पर कारावास में बंद माइनिंग स्कैम, लैंड स्कैम और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों को सहायता पहुंचाने के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय के अफसरों को हानि पहुंचाने की तथाकथित षड्यंत्र में शामिल होने का इल्जाम है।
ईडी ने इससे संबंधित पुख्ता सूचनाओं के आधार पर बीते तीन नवंबर को न्यायालय की इजाजत से कारावास में छापेमारी की थी। प्रवर्तन निदेशालय ने 7 नवंबर को बड़ा बाबू, 8 को जेलर और 9 नवंबर को कारावास अधीक्षक को पूछताछ के लिए एजेंसी के रांची जोनल ऑफिस में मौजूद होने को बोला है।
सनद रहे कि प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए न्यायालय में दिए गए आवेदन में बोला था कि झारखंड में मनी लॉन्ड्रिंग के मुद्दे में कारावास में बंद कुछ अभियुक्त प्रवर्तन निदेशालय के अफसरों को झूठे मुकदमे में फंसाने और उन्हें हानि पहुंचाने की षड्यंत्र रच रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय का बोलना है कि मनी लॉन्ड्रिंग के अभियुक्त उनके अफसरों को हानि पहुंचाने के लिए उग्रवादियों के भी संपर्क में हैं। इसकी पूरी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई थी।
एजेंसी ने कारावास के कुछ सीसीटीवी फुटेज बरामद किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। इल्जाम है कि कारावास प्रशासन ने कई सीसीटीवी फुटेज जानबूझकर डिलीट कर दिए। पिछले एक वर्ष में यह तीसरी बार है, जब रांची के बिरसा कारावास के सुपरिंटेंडेंट को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष हाजिर होना पड़ेगा। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों की सहायता करने और कारावास में उन्हें अनुचित सुविधाएं-सेवाएं मौजूद कराने के मुद्दे में प्रवर्तन निदेशालय रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल कारावास के सुपरिटेंडेंट हामिद अख्तर से बीते जून महीने में पूछताछ कर चुकी है।
जेल प्रशासन पर कारावास मैनुअल का उल्लंघन कर मनी लॉन्ड्रिंग मुद्दे में कैदी निलंबित आईएएस छवि रंजन और एक अन्य आरोपी प्रेम प्रकाश की मीटिंग अरेंज कराने का इल्जाम लगा था। इसके पहले बीते वर्ष दिसंबर महीने में भी प्रवर्तन निदेशालय ने एक हजार करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के किंगपिन पंकज मिश्र की सहायता करने के मुद्दे में भी कारावास सुपरिंटेंडेंट से पूछताछ की थी।
जेल में बंद रहते हुए भी पंकज मिश्र ने 300 से अधिक टेलीफोन कॉल्स किए थे। इस पूरे मुद्दे में कारावास में बंद पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश केंद्र में है। प्रवर्तन निदेशालय को सूचना है कि वह बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में अपना सिंडिकेट चला रहा है। प्रवर्तन निदेशालय को हानि पहुंचाने के लिए क्या करना है, क्या नहीं करना है, इस पर योजना बना रहा है। वह प्रवर्तन निदेशालय के गवाहों को प्रभावित करने के लिए भी प्रयास में जुटा है। वह गवाहों को यह भी समझा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय के ऑफिसरों के खिलाफ एसटी/एसटी अधिनियम में मुकदमा दर्ज कराकर उन्हें फंसाए। इससे प्रवर्तन निदेशालय का मुकदमा कमजोर होगा।