भारत के पूर्व सेनाध्यक्ष मनोज नरवणे ने एक्स’ पर चीन का एक नक्शा पोस्ट कर किया करारा कटाक्ष
Manoj Naravane on China Map: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। उसकी विस्तारवादी नीति आने वाले समय में उसके लिए ही घातक हो सकती है। वह दक्षिण चीन सागर के राष्ट्रों के बीच दादागिरी करता है, कभी ताइवान पर अपना बल चलाता है। हिंदुस्तान के अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख का गलत नक्शा बताकर उसने अपनी कुटीलता दिखा दी है। इसी बीच हिंदुस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष मनोज नरवणे ने चीन को उसकी हैसियत दिखाई है। चीन के विवादित नक्शे पर पलटवार करते हुए नरवणे ने एक ऐसा नक्शा जारी किया है, जिससे चीन को मिर्ची लग जाएगी। चीन को उसकी हैसियत बताने वाला नक्शा वास्तविक हकीकत है, यह बात इस नक्शे में नरवणे ने दिखाई है।
भारत के पूर्व सेनाध्यक्ष मनोज नरवणे ने एक्स’ पर चीन का एक नक्शा पोस्ट करके उस पर करारा कटाक्ष किया है। उन्होंने नक्शा शेयर करते हुए बोला कि आखिरकार किसी को चीन का नक्शा मिल गया, जैसा कि वह हकीकत में है। इस बहुरंगी मानचित्र में चीन ने तिब्बत समेत कई क्षेत्रों को ‘अवैध कब्जे वाले’ क्षेत्रों के रूप में सीमांकित कर अलग करके दिखाया है। उन्होंने लिखा कि यह चीन का वास्तविक नक्शा है। वैसे भी चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों के लिए कुख्यात है।
नक्शे में इन राष्ट्रों पर कब्जा दिखाया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नक्शे में ताइवान, हांगकांग, तिब्बत, यूनान जैसे अन्य चीन की सीमा से लगे हुए राष्ट्रों को चीन के कब्जे के तौर पर दिखाया गया है। उन्होंने ऐसे समय पर यह नक्शा शेयर किया है, जब चीन के नए नक्शे को लेकर राष्ट्र में हंगामा मचा हुआ है। चीन ने 28 अगस्त को राष्ट्र का नया नक्शा जारी किया था। तब काफी टकराव मचा था। तब ताइवान, अक्साईचिन और हिंदुस्तान के अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताने की करतूत चीन ने की थी। तब हिंदुस्तान ने कड़ा विरोध कार चीन को आईना दिखाया था।
जयशंकर ने चीन को दिखाया था आईना
उधर, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के नया नक्शा जारी करने के बाद बोला था कि चीन के ये बेतुके दावे कोई पहली बार नहीं हैं। उसके नक्शा बना लेने से दूसरे लोगों के क्षेत्र आपके नहीं हो जाते। नक्शा जारी कर दूसरे राष्ट्रों के इलाकों को अपना बताना चीन की पुरानी आदत है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता नक्शा और हकीकत में फर्क है। उन्होंने चीन के बेतुके दावों को खारिज कर दिया था।