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गहलोत : राज्य ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्थापित किए क्रान्तिकारी आयाम

 

 

जयपुर,. सीएम अशोक गहलोत ने बोला कि राज्य
सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार अहम फैसला ले रही है.
इन्हीं का रिज़ल्ट है कि राज्य ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में
क्रान्तिकारी आयाम स्थापित किए हैं. इन फैसलों को धरातल पर उतारने में
नर्सिंग तथा चिकित्सा कर्मियों की अहम किरदार रही है. कोविड महामारी के
दौरान भी जब आदमी अपनी जिन्दगी और मृत्यु के बीच जंग लड़ रहा था, तब डॉक्टरों
और नर्सिंग स्टाफ ने अपनी जान की बाजी लगाकर काम किया था, इसे भुलाया नहीं
जा सकता.

गहलोत शुक्रवार को बिडला बैठक भवन में
आयोजित राजस्थान नर्सिंग काउंसिल के द्वितीय राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित
कर रहे थे. उन्होंने फ्लोरेंस नाइटिंगल के चित्र के सामने दीप प्रज्ज्वलित
कर ‘मॉडर्न आउटलुक ऑन नर्सिंग एडवांसमेंट थ्रू एविडेंस बेस्ड प्रेक्टिस’
थीम पर आधारित राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का शुरुआत किया. इस दौरान श्री गहलोत
ने कार्यक्रम में लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया. उन्होंने विभिन्न
चिकित्सकीय प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी ली तथा नर्सिंगकर्मियो से
संवाद भी किया.

मुख्यमंत्री ने बोला कि राज्य
सरकार संवेदनशीलता के साथ पीड़ित इन्सानियत की सेवा में लगी हुई है और मेडिकल
सुविधाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर का निरन्तर विस्तार कर रही है. प्रदेश के सभी
जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं. हर जिले में सरकारी
नर्सिंग कॉलेज और हर संभाग में पब्लिक हैल्थ कॉलेज खोले जा रहे हैं. इन सभी
फैसलों से राज्य को राष्ट्र में अग्रणी बनाने के मिशन-2030 का मार्ग प्रशस्त
हुआ है.

मुख्यमंत्री ने बोला कि राज्य गवर्नमेंट ने
कोरोना का बेहतरीन प्रबंधन किया है, जिसे पूरे राष्ट्र और दुनिया ने देखा.
प्रदेश के भीलवाड़ा मॉडल को सभी ने सराहा. राज्य गवर्नमेंट ने हजारों श्रमिकों
को उनके गंतव्य तक मुफ़्त पहुंचाया. ऑक्सीजन और दवाइयों का अच्छा प्रबंधन
किया गया. उन्होंने बोला कि कोविड महामारी की प्रथम और दूसरी लहर में राज्य
सरकार ने जीवन रक्षा के सर्वोच्च ध्येय के साथ कार्य किया.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए अभूतपूर्व कार्य

मुख्यमंत्री
ने बोला कि पिछले पांच सालों में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में
अभूतपूर्व कार्य हुए हैं. एक ओर जहां पूर्ववर्ती गवर्नमेंट के समय सिर्फ़ 7 नए उप
स्वास्थ्य केंद्र खोले गए थे, हमने 1773 उप स्वास्थ्य केंद्र खोले हैं,
पूर्ववर्ती गवर्नमेंट के समय 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले गये जबकि
गतवर्ष में जो अब 77 खोले गए हैं, पूर्ववर्ती गवर्नमेंट ने एक भी उप जिला तथा
जिला हॉस्पिटल नहीं खोला जबकि हमने 67 उप जिला तथा 27 जिला हॉस्पिटल खोले
हैं. साथ ही, हर जिले में नवीन मेडिकल तथा नर्सिंग कॉलेज खोलने का काम भी
सरकार द्वारा किया जा रहा है.

केन्द्र करे राजस्थान की योजनाओं का अध्ययन

गहलोत ने बोला कि राजस्थान में लंपी बीमारी से मृत दुधारू पशुओं के लिए
पशुपालकों को 40 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है. साथ ही, कामधेनु पशु
बीमा योजना के अनुसार प्रति परिवार दो दुधारू पशुओं का 40-40 हजार रुपए का
निःशुल्क बीमा किया जा रहा है. राज्य गवर्नमेंट द्वारा गौशालाओं एवं नंदीशालाओं
को 3 हजार करोड़ रुपए का आर्थिक सहायता दिया गया है. उन्होंने बोला कि 1 करोड़ लोगों
को न्यूनतम 1 हजार रुपए की सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है. साथ ही,
इसमें प्रतिवर्ष 15 फीसदी की खुद बढ़ोतरी का प्रावधान किया गया है.
सरकारी कार्मिकों के लिए ओपीएस बहाल करने तथा आरजीएचएस लागू करने जैसे
निर्णय लिए गए हैं. राज्य गवर्नमेंट की नीतियों से राजस्थान विकास के सभी
मापदण्डों पर अग्रणी राज्य बनकर उभरा है. उन्होंने बोला कि केंद्र गवर्नमेंट को
राज्य की योजनाओं का शोध करवा कर इन्हें पूरे राष्ट्र में लागू करना चाहिए
तथा देशभर में समान रूप से सामाजिक सुरक्षा कानून बनाना चाहिए.

मिशन 2030 – राजस्थान को नंबर 1 बनाने का लक्ष्य

गहलोत ने बोला कि 11.04 फीसदी की जीडीपी विकास रेट के साथ राजस्थान आज देश
में दूसरे जगह पर है. राज्य की जीडीपी पिछले 4 वर्ष में करीब 6 लाख करोड़
रुपये बढ़ी है जो राज्य के विकास का प्रतीक है. स्टेट जीडीपी का आकार बढ़कर
इस वित्त साल में 15 लाख करोड़ रुपये होने जा रहा है. हमारे सभी फाइनेंशियल
इंडिकेटर्स दूसरे राज्यों के मुकाबले अच्छे हैं. अब मिशन 2030 के तहत
स्टेट जीडीपी को 7 वर्ष में 30 लाख करोड़ रुपए के पार ले जाने का लक्ष्य है.

 

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