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सरकार ने लाखों सिम कार्ड और हजारों व्हाट्सएप अकाउंट किए ब्लॉक

टेक न्यूज़ डेस्क,डिजिटल इण्डिया होने के साथ-साथ कई धोखेबाजों की भी लंबी कतार लग गई है चाहे वो सिम कार्ड फ्रॉड हो या फिर गलत ढंग से डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर लोगों को ठगने का मुद्दा हो पिछले कुछ समय से ऐसे कई मुद्दे देखने को मिल रहे हैं जिनमें लोगों के साथ फर्जीवाड़ा हो रही है इनमें सिम कार्ड फ्रॉड का मुद्दा भी चर्चा में रहा है, जिसमें कई यूजर्स के साथ हजारों-लाखों रुपये की ठगी की गई हैइन सभी मामलों को देखते हुए हाल ही में गवर्नमेंट की ओर से मोबाइल टेलीफोन के लिए सिम कार्ड के नए नियम जारी किए गए इसके अनुसार डीलर एक साथ कई सिम जारी नहीं कर सकते और उन्हें प्रत्येक सिम कार्ड का सत्यापन करना होगा ऐसा नहीं करने वाले डीलर के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जा सकती है नए नियम से गवर्नमेंट ने लाखों सिम कार्ड और हजारों व्हाट्सएप एकाउंट ब्लॉक कर दिए हैं

52 लाख सिम कनेक्शन बंद
जानकारी के लिए बता दें कि गवर्नमेंट ने 52 लाख टेलीफोन कनेक्शन वाले सिम कार्ड बंद कर दिए हैं इसके साथ ही हजारों व्हाट्सएप एकाउंट पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव का बोलना है कि गवर्नमेंट ने 66 हजार व्हाट्सएप एकाउंट बंद कर दिए हैं, जो फर्जीवाड़ा जैसे मामलों में सामने आए थे

घोटालेबाजों के करीब 8 लाख बैंक वॉलेट भी बंद हो गए
इसके अतिरिक्त 67 हजार सिम कार्ड डीलर्स को भी गवर्नमेंट ने ब्लैकलिस्ट कर दिया है इनमें शामिल जालसाजों के विरुद्ध 300 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं इसके साथ ही 52 लाख मोबाइल टेलीफोन नंबर भी ब्लॉक कर दिए गए हैं इतना ही नहीं, घोटालेबाजों के करीब 8 लाख बैंक वॉलेट भी फ्रीज कर दिए गए हैं

नया नियम 1 अक्टूबर से लागू होगा
सरकार की ओर से जारी नियम इसी वर्ष 1 अक्टूबर से लागू होंगे प्वाइंट ऑफ सेलर्स को 30 सितंबर से पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा जो डीलर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराएंगे उन्हें सिम कार्ड बेचने पर 10 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा

सत्यापन जरूरी होगा
सिम बेचने वाले डीलर के लिए हर सिम कार्ड का वेरिफिकेशन करना महत्वपूर्ण हो गया है यदि डीलर किसी को सिम कार्ड दे रहा है तो उसका बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करना बहुत महत्वपूर्ण है इसके साथ ही गवर्नमेंट द्वारा पुलिस वेरिफिकेशन कराना भी जरूरी कर दिया गया है हालांकि, सिम कार्ड विक्रेताओं के सत्यापन की पूरी जिम्मेदारी टेलीकॉम ऑपरेटरों को दी गई है नियम तोड़ने वालों पर 10 लाख रुपये का जुर्माना है

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