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राकेश टिकैत : शोभा यात्रा निकलेगी तो किसान 4 लाख ट्रैक्टरों के साथ रैली भी निकालेंगे और…

राजस्थान न्यूज डेस्क !!! शनिवार, 26 अगस्त 2023 को राजस्थान के अलवर में एक बड़ी ‘किसान महापंचायत’ हुई पिछले दिनों मेवात क्षेत्र में धार्मिक सौहार्द बिगड़ने के बाद बड़े पैमाने पर अत्याचार भड़क गई थी इस महापंचायत से हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश दिया गया और एकता-भाईचारे पर बात हुई जिसमें देशभर से बड़े किसान नेताओं समेत हजारों लोग एकजुट हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इस महापंचायत में बड़ा घोषणा करते हुए बोला कि ”शोभा यात्रा निकलेगी तो किसान 4 लाख ट्रैक्टरों के साथ रैली भी निकालेंगे और बड़ी पंचायत होगी” अलवर में हुई इस महापंचायत में किसान नेताओं ने जहां एक ओर भाईचारे की बात कही, वहीं अत्याचार को लेकर हरियाणा गवर्नमेंट और विश्व हिंदू परिषद जैसे दक्षिणपंथी संगठनों पर सौहार्द बिगाड़ने का भी इल्जाम लगाया

मेवात का एक बड़ा हिस्सा हरियाणा में है जबकि पड़ोसी राज्य राजस्थान और यूपी का भी कुछ हिस्सा इसमें शामिल है वह सम्पूर्ण क्षेत्र जहाँ मेव मुस्लिम रहते हैं, मेवात कहलाता है मेवात में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे के बीच विवाद पैदा करने की कोशिशों के विरुद्ध आयोजित इस पंचायत में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और यूपी के किसान नेता और आम लोग शामिल हुए इसमें जम्मू और कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक, किसान नेता राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के नेता गुरुनाम सिंह चढूनी, संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शनपाल, भारतीय किसान यूनियन (भगत सिंह) के अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोरही, भारतीय किसान शामिल हैं मजदूरयूनियन के सुरेश कोथ और मौलाना अरशद समेत कई प्रमुख लोग शामिल हुए

गुरुनाम सिंह चढूनी ने कहा, “बीजेपी वालों के पास और कोई मामला नहीं है वो लोगों को आपस में लड़ाना चाहते हैं लेकिन हमें लड़ना नहीं है, हमें अपना भाईचारा बनाए रखना है यहां कोई हिंदू-मुसलमान नहीं है, सब भाई-भाई हैं” चादुनी ने मौजूदा गवर्नमेंट की निंदा करते हुए कहा, ”उन्होंने आजादी के 60 वर्ष तक अपने मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराया और अब वे तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं” मीडिया से बात करते हुए चढूनी ने बोला कि “यह पंचायत सामाजिक भाईचारे के ताने-बाने को बनाए रखने के लिए आई है सामाजिक भाईचारा बना रहे, यही इस महापंचायत का उद्देश्य है

भारतीय किसान यूनियन (भगत सिंह) के अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोरही ने कहा, ”सैकड़ों वर्ष पहले राष्ट्र को बचाने के लिए हजारों लोगों ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी आज एक बार फिर आप लोगों पर बड़ी जिम्मेदारी है क्योंकि ये लोग (बीजेपी) ही राष्ट्र का संविधान हैं” देश बदलना चाहते हैं लेकिन भाईचारा नहीं टूटने देंगे, झंडा नहीं बदलेंगे और संविधान नहीं बदलेंगे सबसे बड़ी जिम्मेदारी आप लोगों की है क्योंकि मेवात के लोगों ने राष्ट्र की आजादी के लिए बहुत बलिदान दिया है और आज वे राष्ट्रवादी हैं कह रहे हैं कि वे अंग्रेजों के साथ थे

इसके अतिरिक्त मोरही ने अपने बयान में कहा, ”धर्म और जाति की बेड़ियां तोड़ें और अपने किसान भाइयों का हाथ थामें, अपनी सद्भावना से सांप्रदायिक नफरत और विभाजनकारी ताकतों को हराने का काम करें जम्मू और कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा, ”केंद्र गवर्नमेंट खेती को समाप्त करना चाहती है इसलिए तरह-तरह के कानून लाए जा रहे हैं नूंह दंगों के बाद से हरियाणा पुलिस बदले की भावना से बेगुनाह लोगों को अरैस्ट कर रही है उनकी दुकानें और घर ध्वस्त किये जा रहे हैं

महापंचायत के दौरान मलिक ने पुलवामा हमले को लेकर भी कई प्रश्न उठाए इस हमले में 40 जवान शहीद हो गये थे इसके अतिरिक्त उन्होंने दोनों समुदाय के लोगों से एक साथ रहने की अपील की किसान नेता राकेश टिकैत ने हरियाणा की भाजपा गवर्नमेंट पर धावा करते हुए कहा, ”अगर हरियाणा गवर्नमेंट 28 अगस्त को नूंह में ब्रजमंडल यात्रा निकालने की इजाजत देगी तो हम भी ट्रैक्टर रैली निकालेंगे ये भाजपा वाले पूछ रहे हैं कि कहां हैं” चार लाख ट्रैक्टर?” तो वे सुन लें कि चार लाख ट्रैक्टर और 25 लाख लोग एक ही हैं

टिकैत ने बोला कि ”यह राष्ट्र सांप्रदायिक एकता, सौहार्द और भाईचारे का राष्ट्र है वे भाईचारा तोड़ने की बात करेंगे, हम भाईचारा बनाने की बात करेंगे राष्ट्र के विकास के लिए स्कूल, कॉलेज और हॉस्पिटल खोलना महत्वपूर्ण है” युवाओं को रोजगार”इसके अतिरिक्त टिकैत ने बोला कि ”देश को कोई सियासी दल नहीं बचा सकता यदि कोई बचाएगा तो आंदोलन ही बचाएगा किसान, मजदूर, बेरोजगार, पीड़ित, शोषित सभी आंदोलन में हिस्सा लेंगे, तब सरकारें झुकेंगी” नीचे राष्ट्र के राजा की नीति है, लोगों से लड़ो और राज करो” किसान नेताओं ने किसान नेताओं से की अपील दूसरे हम हैं भारतीय हिंदू हैं जो कभी नहीं लड़ते, भाईचारे से रहते हैं

आपको बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले यह महापंचायत ऐसे समय में आयोजित की गई जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल 28 अगस्त को एक बार फिर नूंह में शोभा यात्रा निकालने की बात कर रहे हैं एक यात्रा में 31 जुलाई को हुई अत्याचार के कारण राज्य के कई हिस्सों में दंगे और धार्मिक उन्माद फैल गया इस अत्याचार में कम से कम छह लोगों की मृत्यु हो गई और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए इसके बाद पूरे क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल बन गया हालांकि पुलिस प्रशासन ने 28 अगस्त को किसी को भी यात्रा निकालने की इजाजत नहीं दी है पूरे जिले में धारा 144 लागू है इन सबके बावजूद विश्व हिंदू परिषद इस बात पर अड़ी है कि वह यात्रा निकालेगी

पिछली यात्रा के दौरान और उसके बाद पूरे क्षेत्र में नफरत और अनियंत्रित अत्याचार में वृद्धि को देखते हुए कई लोगों ने एक और यात्रा की घोषणा पर चिंता व्यक्त की है पिछली अत्याचार के बाद नफरत भरे भाषण के अतिरिक्त एक वर्ग द्वारा मुसलमानों का आर्थिक बहिष्कार किया गया थाके बारे में भी बात की गई ऐसे में एक बार फिर प्रशासन से लेकर आम लोग भी इस तरह की यात्रा को लेकर सजग हैं प्रशासन ने इसके अनुसार पूरी प्रबंध दुरुस्त करने का दावा किया है नूंह में हर गाड़ी की जांच की जा रही है, सभी मुख्य मार्गों पर पुलिसकर्मी तैनात हैं किसी भी बाहरी आदमी का प्रवेश इतना सरल नहीं है यात्रा की इजाजत नहीं हालांकि यात्रा को लेकर विश्व हिंदू परिषद के नेताओं के बयान में जो भरोसा दिखाया गया है, उसके चलते 28 अगस्त प्रशासन के लिए काफी चुनौती भरा हो सकता है

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