मुजफ्फरनगर मामले में सियासत तेज, अध्यापिका के खिलाफ FIR दर्ज
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक विद्यालय में बच्चे की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद इस मुद्दे में सियासत प्रारम्भ हो गई है। हालांकि, इस मुद्दे पर पुलिस ने अध्यापिका के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। मुजफ्फरनगर पुलिस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि खुब्बापुर गांव स्थित विद्यालय की अध्यापिका द्वारा एक विद्यार्थी के होमवर्क न करने पर उसे कक्षा के अन्य विद्यार्थियों से पिटवाने और उसके विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मुद्दे में विद्यार्थी के पिता ने तहरीर दी है।
मंसूरपुर पुलिस द्वारा 323, 504 धाराओं में मुद्दा दर्ज किया गया है। इस मुद्दे में विधिक कार्यवाही की जा रही है।
वहीं, शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने अपना वीडियो बयान जारी करते हुए सफाई दी है। उन्होंने कहा, मेरा इरादा किसी की धार्मिक और सामाजिक भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था। वीडियो छेड़छाड़ के बाद प्रसारित किया गया है। वह दिव्यांग हैं, बच्चों को कंट्रोल करने के लिए यह कदम उठाया था। मेरी गलती है कि विद्यार्थी को उसके सहपाठियों से नहीं पिटवाना चाहिए था। वीडियो से छेड़छाड़ कर उसे वायरल किया गया है। मैंने जो बात कही थी वो सब काट दी गई।
वीडियो वायरल करने वाले नदीम ने कहा कि मैं किसी काम से विद्यालय गया था। वहां पर देखा कि कुछ विद्यालय के बच्चे एक-दूसरे विद्यार्थी को पीट रहे थे और मैडम ने बोला था कि यह जो मुसलमान महिलाएं मायके चली जाती हैं, इनके बच्चे पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते। मेरे वीडियो को कांट-छांट कर किसी ने आगे बढ़ा दी है।
वहीं इस मुद्दे में समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने शनिवार को मुजफ्फरनगर जिले की उस शिक्षिका को तुरन्त बर्खास्त करने की मांग की, जिसने अपने विद्यार्थियों को अल्पसंख्यक समुदाय के एक विद्यार्थी को कथित तौर पर थप्पड़ मारने के लिए बोला था।
सोशल मीडिया पर प्रसारित घटना के कथित वीडियो को समाजवादी पार्टी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए यह मांग उठाई, जिसे पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने पुन: पोस्ट किया। ‘एक्स’ पर समाजवादी पार्टी ने बीजेपी और आरएसएस निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा और आरएसएस की नफरती राजनीति, राष्ट्र को यहां ले आई! मुजफ्फरनगर में एक अध्यापिका अल्पसंख्यक समाज के बच्चे को दूसरे बच्चों से थप्पड़ मरवा रही। मासूमों के मन में जहर घोलने वाली शिक्षिका को तुरंत बर्खास्त किया जाए। उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।”
पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने मुद्दे को लेकर ‘एक्स’ पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “ज्ञान के मंदिर में एक बच्चे के प्रति घृणा रेट ने पूरे राष्ट्र का सिर लज्जा से झुका दिया है। शिक्षक वो माली है, जो प्राथमिक संस्कारों में ज्ञान रूपी खाद डालकर चरित्र ही नहीं, देश भी गढ़ता है। इसलिए दूषित राजनीति से परे एक शिक्षक से उम्मीदें कहीं अधिक हैं। राष्ट्र के भविष्य का प्रश्न है।”
गौरतलब हो कि विद्यार्थी की पिटाई का कथित वीडियो मुजफ्फरनगर जिले के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खुब्बापुर स्थित गांव के एक निजी विद्यालय का कहा जा रहा है।
आरोप है कि दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले एक विद्यार्थी की शुक्रवार को उसकी कक्षा के अन्य विद्यार्थियों ने पिटाई कर दी और अध्यापिका के निर्देश पर उसे एक के बाद एक थप्पड़ मारे।
यह भी इल्जाम है कि वीडियो में एक समुदाय विशेष के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है।
मुजफ्फरनगर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) शुभम शुक्ला ने बोला कि संबंधित विद्यालय के विरुद्ध आपराधिक मुद्दा दर्ज किया जाएगा, जिसमें शिक्षिका तृप्ति त्यागी के निर्देश पर विशेष समुदाय के लड़के को दूसरे समुदाय के सहपाठियों ने पीटा।
शुक्ला ने साफ किया कि जांच टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद विद्यालय प्रबंधन के विरुद्ध आपराधिक मुद्दा दर्ज करने सहित कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि आधिकारिक टीम जांच के लिए मौके पर गई है। वीडियो का संज्ञान लेते हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी रविशंकर ने शुक्रवार को कहा था कि वीडियो की जांच से प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई है कि होमवर्क पूरा न करने पर विद्यार्थी की पिटाई की गई थी और इसमें कोई भी आपत्तिजनक बात नहीं कही गई है।