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पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को उखाड़ फेंके बिना भाजपा को है रोकना असंभव: सीपीआई

कोलकाता न्यूज डेस्क !!! सीपीआई (एम) ने बोला कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी को उखाड़ फेंके बिना बीजेपी को रोकना असंभव है पार्टी ने बोला कि विपक्ष के अन्य घटक ‘इंडिया’ ब्लॉक को इस जमीनी हकीकत को समझना चाहिए बंगाल में पार्टी के मुखपत्र के वार्षिक उत्सव संस्करण में लिखे गए एक लेख में, सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो सदस्य और पश्चिम बंगाल में पार्टी के राज्य सचिव एमडी सलीम ने बोला कि वैसे तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी को यहां अपनी पकड़ मजबूत करने में सहायता करने में जरूरी किरदार निभाई है राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी को हराने के लिए यह एक तुरन्त जरूरत है

उन्होंने कहा, “देश में बीजेपी विरोधी ताकतों को पश्चिम बंगाल की जमीनी हकीकतों से अवगत कराने की आवश्यकता है, जहां स्थापना के बाद से ही तृणमूल कांग्रेस पार्टी बीजेपी की संभावित सहयोगी रही है और अब वे केवल बिछड़े हुए सहयोगी हैं, हालांकि इस बात की पूरी आसार है कि दोनों एक-दूसरे से अलग हो जाएंगे” सलीम ने अपने लेख में यह भी साफ किया है कि पश्चिम बंगाल के परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए बीजेपी विरोधी सहयोगियों के बीच राष्ट्रीय स्तर पर सीट बंटवारे के समझौते का कोई प्रश्न ही नहीं है

सलीम ने कहा, “विभिन्न सियासी दलों की अपनी सियासी मजबूरियां हो सकती हैं लेकिन, राष्ट्रीय स्तर पर एक निश्चित सीट-बंटवारा न तो संभव है और न ही यथार्थवादी है जरूरत संबंधित राज्य की जमीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए राज्य-विशिष्ट रणनीतियों को अपनाने की हैसियासी पर्यवेक्षकों का मानना है कि सलीम का लेख जमीनी स्तर के सीपीआई (एम) कार्यकर्ताओं और कट्टर पार्टी के वफादारों की सामान्य भावना और सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी पर उनकी बढ़ती शिकायतों का प्रतिबिंब है पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी एक ही फ्रेम में फंस गए हैं

साथ ही सलीम के इस लेख को पार्टी के पोलित ब्यूरो के उस निर्णय का विस्तार भी बोला जा सकता है, जिसमें उन्होंने इण्डिया ब्लॉक की समन्वय समिति में कोई प्रतिनिधि नहीं भेजने का निर्णय किया था, जहां अभिषेक बनर्जी सदस्य हैं तृणमूल कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि यह लेख इस बात का साफ प्रमाण है कि वास्तव में पश्चिम बंगाल में बीजेपी को कौन लाभ पहुंचाने की प्रयास कर रहा है  उन्होंने कहा, “सीपीआई (एम) का एकमात्र उद्देश्य राज्य में बीजेपी विरोधी वोटों को विभाजित करके भगवा खेमे को लाभ पहुंचाना है यही कारण है कि वे राज्य में शून्य में बदल गए हैं

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